ग्राउंड जीरो रिपोर्ट- नेपाल में फिर भीषण तबाही, 24 मरे, 600 से ज्यादा जख्मी
अप्रैल में आए भूकंप के 17 दिन बाद मंगलवार को एक बार फिर नेपाल भूकंप के लगातार झटकों से थर्रा उठा। वहां 24 लोगों की मौत हुई है और 600 से अधिक घायल हुए हैं। मृतकों और घायलों की संख्या में बढ़ोतरी की आशंका है। संचार व्यवस्था ध्वस्त रहने के
विराटनगर (नेपाल) [संजय सिंह]। अप्रैल में आए भूकंप के 17 दिन बाद मंगलवार को एक बार फिर नेपाल भूकंप के लगातार झटकों से थर्रा उठा। वहां 24 लोगों की मौत हुई है और 600 से अधिक घायल हुए हैं। मृतकों और घायलों की संख्या में बढ़ोतरी की आशंका है। संचार व्यवस्था ध्वस्त रहने के कारण कई इलाकों की स्थिति का पता नहीं चल पा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.4 से अधिक थी। भूकंप के बाद काठमांडू हवाईअड्डा को बंद कर दिया गया है। काठमांडू और आस-पास के इलाकों में बड़ी मुश्किल से बहाल हुई बिजली और संचार सेवाएं भी ध्वस्त हो गई हैं। कई जगहों पर सड़कें जाम हो कई हैं और दहशत में लोग खुले में शरण में लिए हुए हैं। भूकंप के दौरान इलाके में चीख-पुकार मच गई। उल्लेखनीय है कि पिछली बार आए भूकंप में नेपाल में 800 लोगों की मौत हुई थी, 1700 से अधिक लोग घायल हुए थे।
अभी लोग 25 अप्रैल को आए भूकंप से सदमे से उबरने की कोशिश में थे। इसी बीच मंगलवार को 12:38 बजे आए भूकंप ने दहशत बढ़ा दी। फिर से घरों में लौट चुके या लौटने की तैयारी में जुटे लोग खुले मैदानों की शरण में आ गए। जिन्हें तत्काल खुले में जगह नहीं मिली वे बीच सड़क पर खड़े हो गए। पिछली बार आए भूकंप में जिन मकानों में दरारें पड़ गई थीं, उनमें से कई क्षतिग्रस्त हो गए। काठमांडू के घंटाघर में दरार आ गई। पिछले भूकंप में यहां की घड़ी बंद हो गई थी। सिंधुपाल चौक के समीप स्थित चौतारा में इस भूकंप से अधिक क्षति हुई है। भूकंप आने के बाद एनडीआरएफ की टीम सतर्क हो गई। दुकानें तत्काल बंद हो गईं।
क्रांति बस स्टैंड पर मौजूद दिनेश यादव ने बताया कि भूकंप के बाद भूस्खलन के कारण कई जगह सड़कें बंद हो गईं। वाहन चालकों के दहशत में आ जाने के कारण परिचालन बंद हो गया है। आवश्यक कार्यों से बाहर निकले लोग घर लौटने के लिए संसाधनों की तलाश में भटकते देखे गए। कलंकी के अविनाश गुप्ता के अनुसार भूकंप के समय उनके परिवार के छह सदस्य घर में ही थे। घर गिर गया, लेकिन परिजन सुरक्षित हैं। यहीं के आनंद मानवेंद्र का कहना है कि वे किसी काम से काठमांडू आए थे। इसी बीच भूकंप आ गया। भूकंप के कारण सेलफोन का नेटवर्क फेल हो गया है। इस कारण वे अपने परिवार का हाल-चाल भी नहीं ले पाए हैं। काठमांडू के शेर बहादुर थापा कहते हैं कि लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से लोग त्रस्त हैं। पता नहीं, कब यहां स्थिति ठीक होगी।
घायलों को लोगों ने पहुंचाया अस्पताल :
घायलों को स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। अस्पतालों में चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी भी भय से बाहर ही दिखे। अस्पताल जाने के लिए वाहन चालक भी तैयार नहीं हो रहे थे। इस कारण मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। राजू अग्रवाल ने बताया कि उनकी पत्नी शांता अग्रवाल का मंगलवार सुबह नोबेल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑपरेशन किया गया था। भूकंप के झटके के बाद शांति सहित अस्पताल के अन्य मरीजों को साइकिल स्टैंड में रखा जा रहा है।
अभिभावक भागे स्कूलों की ओर :
अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखे। कई अभिभावक भूकंप के दौरान ही गिरते-पड़ते अपने-अपने बच्चों के स्कूलों की ओर भाग निकले।
विराटनगर बाजार बंद :
भूकंप के बाद नेपाल में विराटनगर बाजार बंद हो गया। दहशत में लोगों व दुकानदारों ने घरों में शरण ली। इस कारण लोगों को आवश्यक सामानों की खरीदारी में परेशानियों का सामना करना पड़ा। भूकंप का केंद्र : नेपाल के दोलाखा और सिंधुपाल चौक के बीच स्थित कोठारी भूकंप का केंद्र रहा। यह स्थान नेपाल-चीन सीमा के पास है।
छह झटके
- पहला झटका दिन में १२:३८ बजे : तीव्रता ७.४
- दूसरा झटका दिन में १२:४८ बजे : तीव्रता ५.३
- तीसरा झटका दिन में ०१:०५ बजे : तीव्रता ६.३
- चौथा झटका दिन में ०१:३६ बजे : तीव्रता ५.०
- पांचवां झटका दिन में ०१:४३ बजे : तीव्रता ५.१
- छठा झटका दिन में ०१:५१ बजे : तीव्रता ५.२