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पहल: बिहार में अब ट्रांसप्‍लांट से आ रही हरियाली, पटना एयरपोर्ट से जू में लाए गए पेड़

हरियाली विकास कार्य की बलि न चढ़े इसके लिए बिहार सरकार ने अनोखी कार्यप्रणाली अपनाई है। यहां पूरे पेड़ को ही एक से दूसरी जगह ट्रांसप्‍लांट किया जा रहा है।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 10:41 AM (IST)Updated: Fri, 20 Dec 2019 10:04 PM (IST)
पहल: बिहार में अब ट्रांसप्‍लांट से आ रही हरियाली, पटना एयरपोर्ट से जू में लाए गए पेड़

पटना [जेएनएन]। बिहार में पेड़ों को ट्रांसप्‍लांट (Tree Transplant) कर हरियाली (Greenery) की रक्षा की जा रही है। इससे उन स्‍थानों पर भी हरियाली आ रही है जहां इसकी जरूरत है। साथ ही आवश्‍यकता के अनुसार गैर जरूरी पेड़ों को हटाया भी जा रहा है। ऐसे ही एक मामले में पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) के नये टर्मिनल भवन और पार्किंग के निर्माण में बाधा बने पेड़ों को वहां से हटोकर संजय गांधी जैविक उद्यान (Patna Zoo) में ट्रांसप्‍लांट किया गया है।

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ट्रांसप्‍लांट किए जा रहे निर्माण में बाधक पेड़

मालूम हो कि राज्य सरकार (Bihar Government) की पहल पर सड़क निर्माण या किसी अन्य प्रकार के निर्माण में बाधक बन रहे पेड़ों को ट्रांसप्लांट कर दिया जा रहा है। राजधानी में रेलवे पटरी (Rail Track) उखाड़कर आर.ब्लॉक-दीघा फोर लेन सड़क (Four Lane Road) बनाई जा रही है। सड़क के बीच में डिवाइडर पर पेड़ों को ट्रांसप्लांट कर लगाया गया है। यहां भी कई पेड़ लग गए हैं। संजय गांधी जैविक उद्यान में भी अब तक 30 पेड़ों को ट्रांसप्लांट कर के लगाया जा चुका है।

जू में अभी लगाए जाएंगे और पेड़

अधिकारियों की मानें तो और पेड़ लगाए जाएंगे। इनमें वन्य प्राणियों (Wild Animals) के केज भी शामिल हैं। एयरपोर्ट से आने वाले पेड़ों को लगाने के लिए गैंडा, जेबरा, भालू, हिरण सहित कई वन्य जीवों के केजों को चिह्नित किया गया है। जैविक उद्यान के गेट संख्या-दो के किनारे वाले भाग में ट्रैवलर पाम, आरकेरिया, बॉटल पाम लगाए गए हैं।

ऐसे पेड़ बनने में लगते कई साल

उद्यान अधिकारियों ने बताया कि एयरपोर्ट परिसर से बड़े पेड़ मिल रहे हैं। ऐसे पेड़ तैयार होने में कई वर्ष लग जाते हैं। वन्य प्राणियों के केज में अगर छोटे पौधे लगाए जाएं तो इनका पेड़ के रूप में बढऩा मुश्किल होता है। ऐसे में जो बड़े पेड़ मिल रहे हैं, उन्हें ट्रांसप्लांट कर लगा दिया जाएगा। बरगद व पीपल प्रजाति के पेड़ शत-प्रतिशत लग जाते हैं। जू में 100 से ज्यादा पेड़ लगाने के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है। बड़े पेड़ों को गैंडा प्रजनन केंद्र वाले क्षेत्र में भी लगाया जाएगा।


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