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मारुति कंपनी के सहयोग से सरकार खोलेगी ड्राइविंग स्कूल

अब प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ही लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 06:39 PM (IST)Updated: Mon, 18 Dec 2017 06:39 PM (IST)
मारुति कंपनी के सहयोग से सरकार खोलेगी ड्राइविंग स्कूल

: न्यूमेरिकल हाईलाइटर :

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: किसके लिए कितना प्रशिक्षण अनिवार्य :

60 दिन - दो पहिया वाहनों के लिए

90 दिन - चार पहिया वाहनों के लिए

120 दिन - भारी वाहनों के लाइसेंस के लिए

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- फुलवारीशरीफ स्थित परिवहन निगम वर्कशॉप में खोला जाएगा प्रशिक्षण केन्द्र

- नए साल में इस स्कूल के शुरू होने की संभावना

- प्रशिक्षण के बाद ही मिलेगा भारी वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस

- हर जिला मुख्यालय में राज्य सरकार की ओर से खोले जाएंगे ड्राइविंग स्कूल

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चन्द्रशेखर, पटना : अब ड्राइविंग लाइसेंस लेने की प्रक्रिया को राज्य सरकार थोड़ा जटिल बनाने जा रही है। पहले जहां नौसिखिए लोगों को भी दलालों के माध्यम से आसानी से लाइसेंस बन जाता था, अब उन्हें बनवाने में नाकों चने चबाने पड़ेंगे। बगैर प्रशिक्षण के भारी वाहनों का लाइसेंस मिलना तो असंभव हो जाएगा। दो पहिया व चार पहिया वाहनों के लिए भी बगैर प्रशिक्षण ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना मुमकिन नहीं होगा।

परिवहन विभाग अब प्रसिद्ध ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति के सहयोग से राजधानी समेत कई जिला मुख्यालयों में ड्राइविंग प्रशिक्षण केन्द्र खोलने जा रहा है। यहां से बाकायदा प्रशिक्षण लेने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस बनेगा। प्रशिक्षण के दौरान ही लर्निग लाइसेंस के लिए आवेदन देना होगा। प्रशिक्षण में पास होने के बाद ही इस लाइसेंस को स्थायी तौर पर बनाया जाएगा। इस मामले में परिवहन विभाग एवं मारुति कंपनी की ओर से अनुबंध की सारी प्रकियाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं। परिवहन अधिकारियों ने इस स्कूल के लिए मारुति कंपनी को परिवहन निगम के फुलवारीशरीफ स्थित वर्कशॉप की खाली पड़ी जमीन को आवंटित करने का मन बना लिया है। नए साल में इस स्कूल के शुरू होने की संभावना है। दो पहिया वाहनों के लिए 60 दिन, चार पहिया वाहनों के लिए 90 दिन और भारी वाहनों के लाइसेंस के लिए 120 दिनों का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा। कोर्स पूरा होने के बाद प्रशिक्षण संस्थान बाकायदा इसके लिए परीक्षा लेगा। इसमें पास करना अनिवार्य होगा। पास न होने पर उन्हें फिर से परीक्षा में शामिल होना होगा। प्रशिक्षण के लिए स्कूल प्रबंधन की ओर से निश्चित राशि ली जाएगी।

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: क्या होगा फायदा? :

इस स्कूल में अत्याधुनिक उपकरणों से लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें ड्राइविंग की पूरी जानकारी तो दी जाएगी ही आधुनिक लक्जरी वाहनों एवं आम वाहनों के बारे में सिखाया जाएगा। आजकल जो अत्याधुनिक तकनीक से लैस वाहन आने लगे हैं उनके बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इससे वाहन चलाने वाले पूरी तरह से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। वाहन खरीदते समय वे उसकी खूबियों को परख सकते हैं।

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राजधानी में अत्याधुनिक उपकरणों से लैस परिवहन निगम की वर्कशॉप में विभाग की ओर से मारुति कंपनी के सहयोग से एक प्रशिक्षण संस्थान खोला जा रहा है। यहां मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण तो दिया ही जाएगा, वाहनों के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। शीघ्र ही इसकी सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएंगी।

- अजय कुमार, जिला परिवहन अधिकारी, पटना।


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