बिहारः सुशील मोदी ने बताई नए आइटी कानून की अहम बातें, बोले-इंटरनेट मीडिया के दुरुपयोग पर लगेगा अंकुश
राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने गुरुवार को जारी बयान में कहा है कि केंद्र सरकार ने नया आइटी कानून लागू कर एक साहसिक कदम उठाया है। इंटरनेट मीडिया को शिकायत मिलने के 24 से 36 घंटे के अंदर किसी आपत्तिजनक कंटेंट या फोटो का मूल स्रोत बताना होगा।
राज्य ब्यूरो, पटना : राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने गुरुवार को जारी बयान में कहा है कि हाल के वर्षों में सामाजिक तनाव फैलाने, राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगाने, महामारी के समय कोरोना योद्धाओं का मनोबल गिराने और भारत की छवि खराब करने में इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग बढ़ा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने नया आइटी कानून लागू कर एक साहसिक कदम उठाया है। इस पहल के बाद इंटरनेट मीडिया को शिकायत मिलने के 24 से 36 घंटे के अंदर किसी आपत्तिजनक कंटेंट या फोटो का मूल स्रोत बताना होगा।
15 दिन का समय निर्धारित
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार ने कानून के पालन के लिए इंटरनेट मीडिया कंपनियों को 15 दिन का समय दिया, जिससे वे किसी कंटेंट के विरुद्ध आपत्ति दर्ज करने वाले अधिकारी की नियुक्ति जैसी शर्तें पूरी कर सकें। अब अहम यह है कि नए आइटी कानून से किसी की निजता या अभिव्यक्ति के अधिकार का हनन नहीं होता, बल्कि इसके गैरजिम्मेदराना इस्तेमाल पर अंकुश लगेगा। मर्यादित भाषा में तथ्यों के साथ अपने विचार रखने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। इस कानून के पालन को लेकर किसी को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए।
नागरिकों का निजता का पूरा सम्मानः रविशंकर
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद पहले ही कह चुके हैं भारत सरकार नागरिकों का निजता का पूरा सम्मान करती है, सरकार की किसी की निजता में दखल का को इरादा नहीं है। नया आइटी कानून इंटरनेट मीडिया के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए है। गौरतलब हो कि नया आइटी कानून वाट्सऐप, यू-ट्यूब, फेसबुक और ट्विटर इत्यादि पर लागू होगा। नए नियम के तहत इंटरनेट मीडिया के सामान्य उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाया है, और इनमें उनकी शिकायतों के निवारण व समय पर समाधान के लिए उपयुक्त व्यवस्था है। रविशंकर ने कहा है कि इसमें यूजर्स की प्राइवेसी में दखल की गुंजाइश नहीं होगी।