Lockdown Bihar: बिहार में 20 अप्रैल से खुल जाएंगे सरकारी कार्यालय, जानें क्या हैं शर्तें
सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किया। वर्ग क और ख के सभी सरकारी सेवक प्रतिदिन दफ्तर आएंगे जबकि वर्ग ग व अन्य न्यून वर्ग के 33 प्रतिशत कर्मचारी हर रोज कार्यालय आएंगे।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में 20 अप्रैल से सरकारी दफ्तर पहले की तरह पूर्व की भांति काम करने लगेंगे। गृह विभाग की गाइडलाइन के आधार पर शुक्रवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आशय की अधिसूचना जारी की। हालांकि कार्यस्थल को सेनेटाइज किए बिना काम शुरू नहीं हो सकेगा। विभाग के प्रधान सचिव को इंजीनियरों के माध्यम से इसे सुनिश्चित कराना होगा। वहीं मजदूरों व इंजीनियरों की थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगी।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार वर्ग क और ख के सरकारी सेवक नियमित तौर पर प्रतिदिन दफ्तर आएंगे। वर्ग ग व अन्य न्यून वर्ग तथा संविदा कर्मी श्रेणी के 33 प्रतिशत कर्मचारी ही दफ्तर आएंगे। प्रशाखा, व कोषांग में पदस्थापित सहायक व आशुलिपिक संवर्ग के कर्मी, डाटा इंट्री आॅपरेटर के लिए आंतरिक व्यवस्था के तहत रोस्टर का निर्धारण किया जाएगा। उच्च वर्गीय लिपिक एवं निम्न वर्गीय लिपिक के संबंध में पूर्व में निर्गत आदेश 20 अप्रैल से 3 मई तक प्रभावी रहेगा। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के प्रबंधन से संबंधित गाइडलाइन तथा कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए निर्धारित एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। दफ्तर में कर्मियों के बैठने की व्यवस्था में एसओपी का पालन हो यह संबंधित प्रशाखा के प्रभारी को सुनिश्चित करना है।
कार्यस्थलों को कराना होगा सेनेटाइज
20 अप्रैल से बिहार के जिन कार्य महकमों को अपना काम शुरू करना है, उन्हें अनिवार्य रूप से कोरोना वायरस केंद्रित नियमों (एसओपी) का अनुपालन करना होगा। इसके तहत कार्यस्थल को सेनेटाइज किए बगैर वहां काम शुरू नहीं होगा। स्थानीय स्तर पर निर्माण कंपनी रसायन के छिड़काव का इंतजाम करेगी। इस बारे में यह व्यवस्था की जा रही है कि संबंधित महकमे के प्रधान सचिव व सचिव यह सुनिश्चत कराएंगे कि कार्यस्थल को सैनिटाइज कर दिया गया है। जिस इंजीनियर के जिम्मे कार्यस्थल होगा उन्हें इस बारे में नियमित रिपोर्ट भी भेजनी है कि कार्यस्थल को सेनेटाइज किया जा रहा है।
दरअसल, पथ निर्माण विभाग के कई प्रोजेक्ट ऐसे हैैं, जिसमें निर्माण कार्य शुरू कराए जाने को ले पहले से मजदूरों को निर्माण कंपनी के कैंप में रखा गया है। इनकी नियमित स्वास्थ्य जांच की जा रही है। वहीं कार्यस्थल पर पहुंचने वाले अन्य कामगारों की नियमित रूप से थर्मल स्क्रीनिंग की जानी है। तय मानक से अधिक टेंपरेचर होने पर संबंधित मजदूरों से काम नहीं लिया जाएगा। इस काम को अनिवार्य रुप से कराए जाने का निर्देश दिया जा रहा। इसके अतिरिक्त प्रत्येक मजदूर को मास्क लगाना अनिवार्य है। निर्माण एजेंसी की यह जिम्मेवारी होगी कि वह काम में लगाए गए मजदूरों को नि:शुल्क मास्क उपलब्ध कराए। कार्यस्थल से मजदूरों को इधर-उधर कहीं नहीं जाना है। काम के लिए आने वाले मजदूरों को संबंधित एजेंसी द्वारा आने-जाने का पास भी उपलब्ध कराना है। उनके नियमित भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चत कराए जाने की भी हिदायत दी गयी है।