हीमोफीलिया के मरीजों के लिए राहत भरी खबर, यहां मुफ्त मिलेगी फैक्टर-9
राज्य के हीमोफीलिया के मरीजों के लिए बहुत बड़ी राहत भरी खबर है। राजधानी के न्यू गार्डिनर अस्पताल में फैक्टर-9 की दवा मुफ्त में मिलेगी।
पटना [जेएनएन]। राज्य के हीमोफीलिया के मरीजों के लिए बहुत बड़ी राहत भरी खबर है। अब राजधानी के न्यू गार्डिनर अस्पताल में फैक्टर-9 की दवा मुफ्त में मिलेगी। पहली बार राज्य में इस दवा की आपूर्ति किसी सरकारी अस्पताल में और वो भी मुफ्त की जा रही है। अब तक केवल फैक्टर-8 की आपूर्ति की जा रही थी।
हीमोफीलिया बी के मरीजों को फैक्टर-9 की दवा दी जाती है, जबकि हीमोफीलिया ए के मरीजों को फैक्टर-8 की दवा दी जाती है। फैक्टर-9 की दवा की बाजार में प्रति डोज 10 हजार रुपये कीमत है। राज्य सरकार की ओर से इसे मुफ्त में मुहैया कराने का प्रावधान किया गया है।
डॉक्टरों का कहना है कि अगर शनिवार से भी मरीज आएंगे तो उन्हें फैक्टर नौ दवा मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा अस्पताल में फैक्टर-8 दवा भी हीमोफिलिया के मरीजों को मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने सरकार से मांग की है। फैक्टर आठ मिलते ही मरीजों को मुहैया कराने का सिलसिला प्रारंभ कर दिया जाएगा।
राज्य के कोने-कोने से आते हैं मरीज
न्यू गार्डिनर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुभाष चंद्र झा का कहना है कि अस्पताल में राज्य के कोने-कोने से हीमोफीलिया के मरीज आते हैं, लेकिन उन्हें दवा नहीं मिलने पर परेशानी होती है। न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल को राज्य सरकार ने इस बीमारी के लिए सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल भी बना दिया है।
ऐसे में यहां पर रक्त संबंधी सभी बीमारियों के लिए दवाएं मुहैया कराने की तैयारी चल रही है। इसकी जांच की समुचित व्यवस्था की गई है। हीमोफीलिया का कोई भी मरीज यहां आकर अपनी जांच करा सकता है। यहां पर मुफ्त में जांच एवं दवा की व्यवस्था की गई है।
वर्तमान में पीएमसीएच में है फैक्टर आठ
वर्तमान में फैक्टर आठ की व्यवस्था पीएमसीएच में की गई है। पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में फैक्टर आठ मौजूद है। किसी भी मरीज को जरूरत पर यहां पर फैक्टर आठ की दवा दी जाती है।
अधीक्षक का कहना है फैक्टर आठ लेने के लिए न केवल पटना से बल्कि राज्य के कोने-कोने से मरीज पीएमसीएच पहुंच रहे हैं। बिहार के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं नेपाल से भी काफी संख्या में मरीज फैक्टर आठ लेने आते हैं।