बेतिया में 13 की उम्र में हो रही शादी को लड़की ने खुद रुकवाया, बेगूसराय-समस्तीपुर में भी कलंक होने से बचा
बिहार के बेतिया में 13 वर्षीया किशोरी ने खुद अपनी शादी रुकवाई तो बेगूसराय में पंडित के प्रयास से और समस्तीपुर में आंगनबाड़ी दीदी ने बाल विवाह को रुकवाया।
पटना, जेएनएन। बाल विवाह समाज पर एक कलंक है। इसे अब लोग समझने लगे हैं। बेतिया में 13 वर्षीया किशोरी ने खुद अपनी शादी रुकवाई तो बेगूसराय में पंडित के प्रयास से और समस्तीपुर में आंगनबाड़ी दीदी ने बाल विवाह को रुकवाया।
हेल्पलाइन नंबर पर की शिकायत
बेतिया निवासी 13 वर्षीया किशोरी के पिता मजदूर हैं। लॉकडाउन में उन्हें काम नहीं मिल रहा था। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इस बीच बेटी की शादी के लिए रिश्ता आया तो वे तुरंत राजी हो गए। बेटी को पता चला कि उसकी शादी हो रही है तो उसने हेल्पलाइन नंबर 181 पर कॉल कर अपने घर वालों की शिकायत की। सूचना मिलते ही बीडीओ पहुंचे और माता-पिता से लड़की की उम्र के बारे में पूछा तो उन्होंने 18 होने की बात कही। लड़की से बात की तो उसने सच बता दिया। लड़की के जागरूक होने से शादी रुक गई। माता-पिता से लिखित लिया गया कि वे शादी सही उम्र पर ही करेंगे।
पंडित ने रुकवाया विवाह
बेगूसराय में 14 साल की किशोरी की शादी लॉकडाउन में चोरी छिपे हो रही थी। पिता किसान हैं और कोरोना के कारण परेशान थे। बेटी के लिए बिना दहेज का एक रिश्ता आया तो मां-बाप ने शादी तय कर दी। शादी के दिन जब पंडित को पता चला कि वे जिस लड़की की शादी करवाने जा रहे हैं, वह नाबालिग है। उन्होंने थाने को सूचित कर शादी रुकवा दी। इसी तरह समस्तीपुर की रहने वाली किशोरी की शादी जून में तय थी। आगनबाड़ी सेविका को पता चला कि लड़की की उम्र 14 साल है। उन्होंने महिला विकास निगम के बीडीओ से संपर्क किया और पड़ोसियों की मदद से उसकी शादी रुकवाई।
बोलीें प्रबंध निदेशक
महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक हरजीत कौर ने कहा कि 23 मार्च से 31 जुलाई तक तक बाल विवाह के 24 मामले आए। इनमें से तीन को रोका जा सका। स्थिति पहले से बेहतर है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएचएफएस) की रिपोर्ट के अनुसार, बाल विवाह के मामले में बिहार नंबर वन पर था, लेकिन अभी जो रिपोर्ट आई है उसमें 20 वां स्थान है। अलग से हेल्पलाइन नंबर अक्टूबर तक शुरू हो जाएगा।