आसरा होम से ग्रिल काटकर फरार हुई संवासिनी, पुलिस ने पकड़ा
राजीवनगर थाने के नेपाली नगर में स्थित आसरा होम से रविवार की रात एक बार फिर एक संवासिन ने छत से कूदकर भागने का प्रयास किया।
पटना। राजीवनगर थाने के नेपाली नगर में स्थित आसरा होम से रविवार की रात एक बार फिर एक संवासिनी ग्रिल काटकर फरार हो गई। गनीमत यह रही कि घटना के कु छ देर बाद ही पुलिस ने उसे भागते के क्रम मे पकड़ लिया।
जानकारी के अनुसार आसरा होम में रहने वाली लीला (20) नाम की संवासिनी रविवार की रात तीसरे तल्ले की बालकनी का ग्रिल काटकर मकान के पीछे खाली जमीन पर कूद कर फरार हो गई। इसी बीच आसरा होम में रहने वाले कर्मचारियों को इसकी भनक लग गई। रात 2.45 बजे उन्होंने इसकी सूचना राजीवनगर थाने को दी। सूचना मिलते ही गश्ती में मौजूद थानेदार रोहन कुमार मौके पर पहुंचे और क्विक मोबाइल के जवानों को भी बुला लिया। सर्च ऑपरेशन चलाया गया। आशियाना-दीघा रोड के पास चंद्रविहार कॉलोनी स्थित एक सड़क से पुलिस ने उसे घायल अवस्था में बरामद कर लिया। वह दर्द से कराह रही थी। जख्मी होने के कारण वह दूर तक नहीं भाग पायी थी। इसके बाद उसे इलाज के लिए राजवंशी नगर स्थित सरकारी अस्पताल ले जाया गया। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर सोमवार की सुबह लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी मनोज कुमार सुधांशु पहुंचे और मामले की छानबीन की। वैसे इस आसरा होम की सुरक्षा में छह महिला पुलिस बल और तीन पुरुष सिपाही तैनात रहते हैं। यही नहीं यहां पर 12 सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं। इतनी सख्त सुरक्षा के बाद भी संवासिनी कैसे फरार हो जाती हैं, यह शासन-प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती है। इस बाबत आसरा होम की अधीक्षक डेजी की लिखित शिकायत पर राजीवनगर थाने में मामला दर्ज किया गया है।
: विवादों से पुराना नाता :
आसरा होम का विवादों से पुराना नाता रहा है। पहले यह अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन एनजीओ के तहत संचालित होता था। इसके सचिव चिरंतन और कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल थीं। इसी साल अगस्त महीने में इस आसरा होम में रहने वाली चार संवासिनों ने ग्रिल काटकर बगल के नागेन्द्र उर्फ बजरंगी के मकान की छत पर कूदकर भागने का प्रयास कर रही थीं। तभी बजरंगी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। मोहल्ले वालों को भी इत्तिला कर दी। लिहाजा सभी पकड़ी गई थीं। यह बात अलग है कि बाद में बजरंगी को ही इस मामले में फंसाकर जेल भेज दिया गया। अभी भी वह जेल में ही है। इस घटना के बीते दो दिन ही हुए थे कि यहां रह रही दो संवासिनों नूतप्पा उर्फ बबली और पूनम की मौत पीएमसीएच में हो गई थी। इसकी सूचना आसरा होम के संचालक द्वारा जिला प्रशासन को भी नहीं दी गई थी। घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था। जांच में कई अनियमितताएं सामने आने पर चिरंतन और मनीषा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। दोनों अभी जेल में ही बंद हैं। इस घटना के कुछ दिन ही बीते थे कि एक बार फिर इस आसरा होम में रहने वाली दो संवासिनी मीरा (30) और अनीता (35) किचेन के रास्ते बालकनी में जाकर बगल के मकान में कूदकर वहां से फरार हो गई थी। कुछ दिन बाद सगुना मोड़ के पास एक संवासिनी को लोगों ने देखा और पुलिस को सूचना दी। उसकी पहचान यहां से भागी एक संवासिनी के रुप में की गई थी। जिसे फिर यहां लाया गया। वहीं दूसरी का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। ये मामले अभी ठंडे भी नहीं हुए थे कि रविवार की रात फिर एक संवासिनी लीला वहां से ग्रिल काटकर फरार हो गई। : आसरा होम की व्यवस्था पर उठने लगे सवाल :
चिरंतन और मनीषा के जेल जाने के बाद इसकी व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार के हाथों में आ गई। इसके लिए डेजी कुमारी को इसका अधीक्षक बना दिया गया। बावजूद यहां की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां से संवासिनों के भागने का सिलसिला लगातार जारी है। वैसे इस विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो संवासिनों के लिए आवंटित खाने-पीने की चीजों का बंटरबांट होता है। वहां रहने वाली संवासिनों को खाने के लिए न तो शुद्ध और पौष्टिक आहार दिया जाता है और नहीं उनके समुचित इलाज की व्यवस्था की जाती है। सरकार से मिली आर्थिक मदद को इसकी देखभाल करने वाले लोग अपने खाते में डाल लेते हैं। यदि कोई संवासिनी खाने के लिए मांगती है तो उसे मारा-पीटा तक जाता है। उन्हें तीन -चार कमरों में ही कैद कर रखा जाता है। धूप तक नसीब नहीं होती। यही वजह है कि वहां रहने वाली ज्यादातर संवासिनी गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाती हैं। अभी भी दो संवासिनों का इलाज चल रहा है। इसमें सीमा आइजीआइएमएस में और पवन कुमारी का पीएमसीएच में इलाज चल रहा है सीमा किडनी की बीमारी से पीड़ित है जबकि पवन को मिर्गी का दौरा आता है।
बार-बार इस तरह की घटना होने से आसरा होम की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। वैसे यह पहली घटना नहीं है कि वहां से संवासिनी फरार हुई हैं। पूर्व में भी तीन बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।