गरुड़ व डॉल्फिन संरक्षण बनेगा मिसाल, बिहार के प्रयासों को देखेगी दुनिया
गुजरात में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कॉप-13 में बिहार वाइल्ड लाइफ उपाय सुझाएगा। बिहार को 19 फरवरी को दो घंटे का समय मिला है।
पटना, जेएनएन। गुजरात के गांधी नगर में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कॉप-13 (कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज) में 'आप्रवासी वन्यजीवोंं की प्रजाति' की तस्करी एवं इनके अंगों के व्यापार को रोकने की दिशा में किए गए प्रयासों के बारे में 'बिहार वाइल्ड लाइफ' उपाय सुझाएगा। 15 से शुरू हुए और 22 फरवरी तक चलने वाले सम्मेलन में दुनिया के 140 देश भाग ले रहे हैंं।
दो घंटे में टीम को देनी होगी जानकारी
बिहार को 19 फरवरी को दो घंटे का समय मिला है। इसमें राज्य की टीम यह जानकारी देगी कि किस तरह वाल्मीकिनगर व्याघ्र परियोजना में बाघों को मारकर नेपाल के रास्ते चीन तक अंगों की हो रही तस्करी का पर्दाफाश किया गया। नेपाल से समन्वय स्थापित कर अंतरराष्ट्रीय तस्करी पर रोक लगा दी गई। यह भी बताया जाएगा कि नेपाल से भटककर आने वाले गैंडे को कैसे वापस किया गया।
औपचारिक उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री
17 फरवरी को सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। सम्मेलन में गरुड़ की लुप्तप्राय प्रजाति के संरक्षण को लेकर राज्य में किए जा रहे उपायों के बारे में बताया जाएगा। भागलपुर के कदवां दियारा के आसपास के लोग इन्हें संरक्षण देते हैं। इसी तरह से गांगेय डॉल्फिन के संरक्षण के बारे में बताया जाएगा। सम्मेलन में कैमूर वन्य प्राणी अभ्यारण्य के संरक्षण की झलक दिखाई जाएगी।
बिहार का स्टॉल अन्य राज्यों से है अलग
गरुड़ पर काम करने वाली असम की पूर्णिमा देवी बर्मन ने शनिवार को गरुड़ संरक्षण की दिशा में किए जा रहे उपायों पर प्रसन्नता जाहिर की। सम्मेलन में भाग लेने गए राज्य के मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक पीके गुप्ता ने फोन पर बताया कि कार्यक्रम में बिहार का स्टॉल अन्य राज्यों से बिल्कुल अलग है। पटना जू के निदेशक अमित कुमार व रेंज ऑफिसर आनंद कुमार सहित कई अधिकारी गांधीनगर गए हैं। गुप्ता ने कहा कि बिहार के लिए बहुत खास मौका होगा।