UP-Bihar सीमा पर कभी भी टूट सकता है गंडक नदी का तटबंध, मंत्री ने कही ये बात
बिहार-यूपी की सीमा पर गंडक नदी में बने तटबंध में लगातार रिसाव हो रहा है। नदी के कटाव से इस तटबंध पर खतरा बढ़ता जा रहा है। एेसे में कभी भी ये तटबंध टूट सकता है।
पटना, जेएनएन। बिहार के कई इलाकों में लगातार हो रही बारिश और नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। राज्य की कई नदियां एक बार फिर से उफान पर हैं और कई जगहों पर नदियों के तटबंधों में कटाव भी जारी है।
पश्चिमी चम्पारण जिले के बगहा में पिपरा-पिपरासी तटबंध पर भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यूपी के अमवा खास तटबंध पर तेज़ी से गंडक नदी का कटाव हो रहा है, जिससे गंडक नदी और उसके ऊपर बने बांध के बीच मात्र तीन फीट की दूरी ही शेष रह गई है। इस तटबंध के टूटने से इस इलाके में जलप्रलय आ सकता है।
बता दें कि बिहार के सीमावर्ती यूपी के कुशीनगर बाढ खंड की ओर से कटाव निरोधी कार्य कराया जा रहा था। लेकिन इसके बाद भी कटाव थम नहीं रहा है। यूपी के तमाम अधिकारी जल संसाधन विभाग के साथ मौके पर बांध को बचाने में जुटे हुए हैं।
दरअसल गंडक नदी पर बना यह बांध यूपी के कुशीनगर समेत बिहार के पश्चिम चंपारण जिले को सीधे जोड़ता है और इस बांध के कट जाने के बाद यूपी के साथ ही बगहा का ठकरहा प्रखंड सीधे तौर पर बाढ़ की चपेट में आ जाएगा, जिससे जान-माल की काफी क्षति हो सकती है।
इस बीच बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भी बेतिया के पास यूपी के इलाके का बांध टूटने की आशंका व्यक्त की है। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा है कि नदी के बांध से रिसाव शुरू हो गया है और कई जगहों पर पानी बांध के ऊपर से भी बहने लगा है।
उन्होंने कहा कि बिहार के इंजीनियरों की ओर से बांध ठीक करने का प्रस्ताव दिया गया है। यूपी के अमावां खास में ठकराहा ब्लॉक के पास बांध में हो रहे इस रिसाव को ठीक करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से भी बात की जा रही है और इंजीनियरिंग एवं मजदूरों को सामान के साथ वहां भेजा जा रहा है।