नाम नहीं काम के शौचालय से स्वच्छ होगा भारत
- सुलभ इंटरनेशनल का 48वां स्थापना दिवस कार्यक्रम आयोजित - वक्ताओं ने स्वच्छ भारत के लिए सभ
- सुलभ इंटरनेशनल का 48वां स्थापना दिवस कार्यक्रम आयोजित
- वक्ताओं ने स्वच्छ भारत के लिए सभी की भागीदारी बताई जरूरी
-------
जागरण संवाददाता, पटना : सरकारी योजनाओं से बनने वाले शौचालय काम के कम और गिनाने के लिए ज्यादा बनते हैं। इस कारण आम जन भी इन अभियानों से खुद को पूरी तरह से नहीं जोड़ पाते हैं। ये बातें रविवार को सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी आइसी कुमार ने सुलभ इंटरनेशनल के 48वें स्थापना दिवस समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि सफाई को लेकर सोच बदलनी होगी। जब तक इसे दूसरे की जिम्मेदारी मानते रहेंगे, यह दूर नहीं होगी। कार्यक्रम का आयोजन रविवार को राजधानी के न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित सुलभ भवन में किया गया था। इसका शुभारंभ महात्मा गांधी और बाबा साहब अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप जलाकर किया गया। सुलभ के कलाकारों ने संस्था के क्रियाकलापों को गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया। वक्ताओं ने बिंदेश्वर पाठक के कार्यो व उद्देश्यों के बारे में बताया।
सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी जियालाल आर्य ने कहा कि कुछ लोगों के चाहने भर से ही भारत स्वच्छ नहीं हो पाएगा। सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा। चंद्रमोहन ने कहा कि हर घर में शौचालय का सपना गांधी और अंबेडकर दोनों ने देखा था। इसे पूरा करना हम सभी का कर्तव्य है।
डॉ. बीएन झा ने सुलभ इंटरनेशनल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। हेमलता शेखावत और गिरिजा शंकर ने भी अपने विचार रखे। अतिथियों का स्वागत डॉ. शशिभूषण प्रसाद सिंह ने किया। मौके पर दर्जनों लोग मौजूद थे।