पटना में देशविरोधी नारों को ले मचा था हंगामा, FSL को नहीं मिले प्रमाण
नाइक व ओवैसी के समर्थन में पटना की सड़कों पर निकाले गए जुलूस में देशविरोधी नारेबाजी के आरोपों के साक्ष्य एफएसएल को नहीं मिले हैं। पुलिस अब संबंधित सीडी काे सीएफएल भेजने जा रही है।
पटना [जेएनएन]। राजधानी पटना की सड़कों पर एक रैली के दौरान देशद्रोही नारे लगाये जाने की बात जांच में साबित नहीं हो सकी है। पटना पुलिस ने घटना से संबंधित ऑडियो सीडी जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) को उपलब्ध कराई थी। अब यह ऑडियो सीडी आगे की तहकीकात के लिए दिल्ली स्थित केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजी जाएगी।
ओवैसी के समर्थन में निकला था जुलूस
बता दें कि गत 16 जुलाई को राजधानी के अशोक राजपथ पर पटना साइंस कॉलेज से 'पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' के बैनर तले एक जुलूस निकाला गया था। यह जुलूस इस्लामिक नेता व 'पीस फाउंडेशन' के कर्ताधर्ता डॉ. जाकिर नायक और 'एआइएमआइएम' प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के समर्थन में निकाला गया था। जुलूस में देश विरोधी नारे लगाने की बात सामने आयी थी।
एफएसएल को नहीं मिला साक्ष्य
जुलूस साइंस कॉलेज से गांधी मैदान स्थित कारगिल चौक तक गया था। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने अपने मोबाइल फोन से तथा कुछ समाचार चैनलों ने इसकी वीडियोग्राफी भी की थी, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर सीडी को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा था। एफएसएल ने अपनी जांच रिपोर्ट में देश विरोधी नारेबाजी का साक्ष्य नहीं मिला है।
सीएफएल भेजी जाएगी वीडियो
जुलूस के वीडियो सीडी में पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बैनर दिख रहे हैं, लेकिन ऑडियो में नारेबाजी स्पष्ट नहीं है। अब पटना पुलिस इस ऑडियो सीडी को दिल्ली स्थित केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज रही है, ताकि 'दूध का दूध और पानी का पानी' हो सके।
जेल में हैं आरोपी
बता दें कि इस मामले में पुलिस ने पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक संगठन के सचिव मो. तौफीक हुसैन समेत दो लोगों को देशद्रोह के आरोप में जेल भेजा था। फिलहाल दोनों जेल में हैं।