थोक मंडी में सड़ रहे फल, खुदरा में भाव आसमान पर
थोक बाजार में पानी जमा है।
पटना । शहर उदास सा है .. हर दर्द सड़कों पर उतर गया .. कहीं दिलों में गुस्सा है .. तो कहीं उम्मीदें अब भी शेष। अगमकुआं से पटना जंक्शन जाने के रास्ते में बहादुरपुर-राजेंद्र नगर का वो पुल। सीधे जाने वालों को क्या पता कि पुल का उत्तरी छोर ही नरक का द्वार बना हुआ है। सीधे रास्ते से महज सौ गज उत्तर नारकीय जीवन जी रहे हैं हजारों शहरवासी। सैदपुर, राजेंद्र नगर, बाजार समिति, बहादुरपुर के लोग दयनीय स्थिति में हैं। आफत बरसना बंद हुआ तो राहत के पैकेट उन तक पहुंचने लगे। पर चार दिनों से जद्दोजहद करती जिंदगी के लिए राहत के पैकेट नाकाफी लग रहे हैं। छतों से 'भैया पानी' और 'कुछ व्यवस्था कीजिए' जैसी करुण आवाजें रह-रह कर आ रही हैं। हालांकि आपदा राहत के लिए लगायी गई टीमें बखूबी अपने कार्य को अंजाम दे रही हैं। स्वयंसेवी संस्थाएं, क्लब और सामाजिक-राजनीतिक भी कार्यकर्ता राहत कार्य में लगे हुए हैं, पर भयावहता बरकरार है।
बहादुरपुर का पूरा इलाका जलमग्न है। एक तल्ले वाले घर तो लगभग पूरी तरह से जलसमाधि ले चुके हैं। घरों में रहने वाले या तो पलायन कर चुके हैं या फिर छत या ऊपर के तल्ले पर शरण ले रहे हैं। आपदा राहत बल की 25 बोट इस इलाके से पलायन करने वालों को बहादुरपुर पुल तक पहुंचाने में लगी हैं।
मुसल्लहपुर स्थित बाजार समिति का तो हाल ही बुरा है। नवरात्र में बेचने के लिए फलों का स्टॉक करने वाले कारोबारी सिर पकड़कर बैठे हैं। जलमग्न मंडी में वीरानगी छा गई है और फलों के स्टॉक सड़ने लगे हैं। जबकि शहर के दूसरे इलाकों में फल के खुदरा विक्रेताओं ने फलों के भाव चढ़ा दिए हैं।
बाजार समिति के निकट ही सैदपुर हॉस्टल में सोमवार को भी छात्र फंसे रहे। आवासीय कॉलोनियों एवं अन्य आवास में भी फंसे लोग त्राहिमाम करते रहे। कहीं बच्चे भूख से बिलख रहे, तो कहीं बुजुर्ग और बीमार सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने की गुहार लगाते रहे। चीखों और गुहार का असर भी हुआ। आपदा राहत के लिए लगाई गई बोट से दिनभर में दो हजार से ज्यादा लोगों को निकालकर बहादुरपुर पुल पर पहुंचाया गया। पुल पर ही बीमारों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था है। भूखों के लिए जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने लिट्टी का इंतजाम कर रखा है। दैनिक जागरण के बागबान क्लब, संगिनी क्लब और यूथ क्लब के सदस्य प्रभावित लोगों के बीच राहत सामग्री वितरित करने में लगे हैं। लायंस क्लब के कार्यकर्ता पुल पर व्यवस्था करने और जलमग्न क्षेत्र में राहत सामग्री बांटने में लगे रहे। प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी पूरी तरह से तत्पर दिखे । राहत कर निकाले गए लोगों के लिए पुल पर भी पानी, बिस्कुट सहित अन्य खाद्य सामग्री की व्यवस्था की जाती रही।