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बिहार: सचिवालय में नौकरी के नाम पर ठगी, पैसे लेकर थमा दिया फर्जी ज्वाइनिंग लेटर

पटना सचिवालय में नौकरी के नाम पर 5.90 लाख लेकर फर्जी ज्‍वाइनिंग लेटर थमा दिया। युवक जब योगदान देने पहुंचा तो फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हो गया।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 13 Apr 2018 10:38 AM (IST)Updated: Fri, 13 Apr 2018 10:44 PM (IST)
बिहार: सचिवालय में नौकरी के नाम पर ठगी, पैसे लेकर थमा दिया फर्जी ज्वाइनिंग लेटर
बिहार: सचिवालय में नौकरी के नाम पर ठगी, पैसे लेकर थमा दिया फर्जी ज्वाइनिंग लेटर

पटना/मुगलसराय [जागरण टीम]। बिहार सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख 90 हजार रुपये ऐंठने के बाद युवक को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमा दिया गया। नौकरी ज्वाइन करने जब युवक पटना सचिवालय पहुंचा तो पता चला कि वहां इस तरह की कोई वैकेंसी ही नहीं निकली थी। पूरा का पूरा मामला फर्जी था।

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युवक के पिता ने कोतवाली में नौकरी लगवाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध धोखाधड़ी की तहरीर दी। पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी। इसी बीच मुखबिर की सूचना पर गुरुवार को सुबह स्टेशन के समीप जीटी रोड से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

सुभाष नगर निवासी महेंद्र कुमार शर्मा रेलवे में टीटीई हैं। पिछले साल ट्रेन में ही उनकी मुलाकात बक्सर निवासी अंजनी कुमार पाठक से हुई। बातचीत बढ़ी और परिचय भी बढ़ा। फोन नंबर का आदान-प्रदान हुआ। अंजनी ने महेंद्र से कहा कि वह पटना सचिवालय में कुछ लोगों की नौकरी लगवा रहा है, आपका भी कोई कैंडिडेट हो तो बताइए।

महेंद्र ने अपने बेटे कुमार अंकित की नौकरी लगवाने की बात कही। अंजनी ने पांच लाख 90 हजार रुपये की मांग की और कहा कि ज्वाइनिंग लेटर देते समय रुपये लेगा लेकिन बीच में ही उसने थोड़े थोड़े रुपये मांगना शुरू कर दिया। सात-आठ बार में उसने पूरे पैसे ले लिए। इसके बाद एक फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। जिस पर 27 फरवरी 2018 अंकित था। इसी तिथि में सीएम हाउस द्वारा अटेस्टेट भी लिखा गया था।

नियुक्ति पत्र में मुख्यमंत्री सचिवालय के फोर केजी के लेखा शाखा में आइटी आफिसर के पद पर स्थाई नियुक्ति का पत्र दिया गया। इसमें 14 मार्च 2018 को 11 बजे कार्यालय में ज्वाइन करने को कहा गया था। नीचे अंजनी कुमार सिंह संयुक्त मुख्य सचिव का हस्ताक्षर व मुहर अंकित था।

अंकित जब उक्त कार्यालय में पहुंचा तो स्थिति हास्यास्पद थी। वहां सारा का सारा मामला फर्जी निकला। इस पद पर सचिवालय से कोई वैकेंसी नहीं निकाली गई थी और न ही कोई नियुक्ति प्रक्रिया ही की गई थी। अंकित ने वापस आकर पूरी बात अपने पिता महेंद्र शर्मा को बताया। महेंद्र शर्मा ने तत्काल सारे कागजात व बैंक के डिटेल लेकर कोतवाली पहुंचे और अंजनी कुमार पाठक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया।

कोतवाल शिवानंद मिश्रा ने बताया कि अंजनी कुमार पाठक के पास से चार ज्वाइनिंग लेटर भी मिले हैं। मोबाइल में लगभग 20 ज्वाइनिंग लेटर का प्रोफार्मा पड़ा हुआ था। बताया कि विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।


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