गंगा से प्रतिदिन निकल रहा चार टन कचरा
: नमामि गंगे परियोजना - पटना में एक मशीन से प्रतिदिन दीघा से गायघाट के बीच सफाई। - पटना न
: नमामि गंगे परियोजना
- पटना में एक मशीन से प्रतिदिन दीघा से गायघाट के बीच सफाई
- पटना नगर निगम ने एक और मशीन के लिए केंद्र को भेजा प्रस्ताव
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जागरण संवाददाता, पटना : राजधानी में दीघा से गायघाट तक गंगा की सफाई में चार टन कचरा प्रतिदिन निकल रहा है। 'नमामि गंगे परियोजना' के तहत केंद्र सरकार ने गंगा की सफाई के लिए पटना नगर निगम को साढ़े छह करोड़ रुपये मुहैया कराए हैं। इसके लिए केंद्रीय एजेंसी क्लीनटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड व पटना नगर निगम के बीच एमओयू पर दस्तखत हुए हैं। इसके तहत एजेंसी को तीन साल तक पटना में 22 किलोमीटर की लंबाई में गंगा की सफाई करानी है। इसके लिए एजेंसी की ओर से 13 क्यूबिक मीटर क्षमता वाली गार्बेज टैंक ट्रांस स्किमर मशीन से गंगा की सफाई कराई जा रही है। हालांकि पूरे इलाके के लिए यह सफल नहीं हो पा रहा है। इसके लिए नगर निगम की ओर से एक और मशीन देने की गुहार लगाई गई है। एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर पवन कुमार सिंह ने बताया कि दीघा से गायघाट तक गंगा के आधा मीटर सर्फेस एरिया की सफाई कराई जा रही है। एक और मशीन मिलने से पूरे इलाके की सफाई प्रतिदिन संभव हो सकेगी।
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घाटों की भी कराई जा रही सफाई :
गंगा की सफाई के लिए लगी एजेंसी राजधानी के एक दर्जन से अधिक घाटों की भी सफाई कर रही है। इसमें बांसघाट, कलेक्ट्रेट घाट, दीघा घाट, भद्रघाट, एनआइटी घाट, राजापुर घाट, कृष्णा घाट, काली घाट, गांधी घाट आदि शामिल हैं। इसके लिए 10 मजदूर भी लगाए गए हैं।
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कोट ::
नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा की सफाई कराई जा रही है। इसके तहत दीघा से गायघाट तक सफाई हो रही है। सफाई एजेंसी गंगा से कचरा को निकाल कर गायघाट में डालती है। निगम उसे अपने कचरा डंपिंग प्वाइंट पर फेंकती है। प्रतिदिन तीन-चार टन कचरा निकलता है।
- अभिषेक सिंह, नगर आयुक्त।