सिविल कोर्ट के चार कर्मचारी निलंबित
पटना । रिश्वत मांगने और रिश्वत लेने के मामले में बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्ण कांत
पटना । रिश्वत मांगने और रिश्वत लेने के मामले में बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्ण कांत त्रिपाठी ने पटना सिविल कोर्ट के चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। इस तरह की कार्रवाई पटना सिविल कोर्ट के इतिहास में पहली बार हुई है। इस घटना के बाद से पटना सिविल कोर्ट में बुधवार को हड़कंप मचा रहा।
जानकारी के अनुसार पेशकार मुकेश कुमार, रमेन्द्र कुमार, संतोष तिवारी और आशुलिपिक सुबोध कुमार निलंबित किये गये हैं। ये चारो उत्पाद विभाग की विशेष अदालत में कार्यरत हैं।
दूसरी ओर जिला जज श्री त्रिपाठी ने दैनिक जागरण को बताया कि चार कर्मियों को निलंबित किया गया है। भ्रष्टाचार में लिप्त पाये जाने वाले अन्य कर्मियों को निलंबित करने की कार्रवाई गुरुवार की सुबह ग्यारह बजे की जाएगी।
जिला जज ने कहा अदालत न्याय का मंदिर होता है। अदालत में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। अदालत में लोग न्याय के लिये आते हैं। न्याय पाने के लिये आने वाले लोगों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
बताया जाता है कि एक निजी चैनल द्वारा सिविल कोर्ट पटना में किये गए स्टिंग ऑपरेशन के बाद भ्रष्टाचार का यह मामला सुर्खियों में आया था। इसमें कोर्ट के अनेक कर्मचारी रुपये लेते देखे गये हैं। यह तस्वीर सामने आते ही हाईकोर्ट ने तत्काल जिला जज को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया था।
वहीं बुधवार की शाम में पटना जिला अधिवक्ता संघ में अधिवक्ताओं के बीच इस स्टिंग ऑपरेशन पर चर्चा होती रही। अधिवक्ताओं का कहना था कि पूरे सूबे में प्रत्येक न्यायालय में पेशकारी के नाम पर दोहन हो रहा है। सूत्र बताते हैं कि पीड़ित लोग इसकी शिकायत विजिलेंस या सीबीआई के पास ले जाना चाहते हैं। वहीं नाम नहीं छापने की शर्त पर एक जांच एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि पहले किसी से रिश्वत मांगने की शिकायत के बाद धावा बल कार्रवाई करता था लेकिन वर्तमान में धावा बल को किसी भी तरह की कार्यवाई के लिए उच्च न्यायालय से इजाजत लेनी पड़ती है।