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आखिर पूर्व IAS को 32 वर्ष बाद मिली सजा, अब रहना पड़ेगा जेल में, जानें पूरा मामला

आखिर पूर्व आइएएस ब्रजकिशोर सिंह कानून की गिरफ्त में आ ही गए। उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआइ कोर्ट ने दोषी माना और सजा सुनाई। पूरे मामले को जानें इस खबर में

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 08:54 AM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 10:46 PM (IST)
आखिर पूर्व IAS को 32 वर्ष बाद मिली सजा, अब रहना पड़ेगा जेल में, जानें पूरा मामला
आखिर पूर्व IAS को 32 वर्ष बाद मिली सजा, अब रहना पड़ेगा जेल में, जानें पूरा मामला

पटना [जेएनएन]। आखिर पूर्व आइएएस ब्रजकिशोर सिंह कानून की गिरफ्त में आ ही गए। उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआइ कोर्ट ने दोषी माना और सजा सुनाई। इस मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव ने 72 वर्षीय पूर्व आइएएस अधिकारी ब्रज किशोर सिंह को 3 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) सहपठित 13 (1)(ई) के तहत उन्हें दोषी पाया। 

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जेल के साथ 20 हजार रुपये जुर्माना भी  

इतना ही नहीं, आरोपी पर पूर्व आइएएस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं भरने पर उन्हें एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा सुनाए जाने के बाद ब्रज किशोर सिंह ने नियमित जमानत का आवेदन दिया। कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत दे दी।

प्राथमिकी के 32 वर्ष बाद सजा

मामला करीब 32 वर्ष पुराना है। आरोपित ब्रजेश किशोर सिंह 1970 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध रूप से अपने व अपने परिवार के नाम पर अप्रैल 1974 से दिसंबर 1986 के बीच 12.41 लाख रुपये की आय से अधिक चल एवं अचल संपत्ति अर्जित की। 

1986 तक में नौकरी पर रहे थे

सिंह दिसंबर 1986 तक नौकरी में रहे। आरोप पत्र के अनुसार आरोपित श्री सिंह ने अवैध तरीके से पटना खाजपुरा में 9 कट्ठा 9 धुर जमीन खरीद कर वहां दो मंजिला मकान बनाया। पटना के मैनपुरा इलाका में 4 कट्ठा जमीन ली। इसके साथ ही साथ अपने गांव में 2.55 एकड़ कृषि भूमि भी खरीदी। सीबीआइ ने आरोपित सिंह के खिलाफ 8 दिसंबर 1986 को प्राथमिकी दर्ज कर 10 दिसंबर को उनके घर पर छापेमारी की थी। 

प्राथमिकी के समय दरभंगा में थे पोस्टेड

प्राथमिकी दर्ज होने के वक्त वे दरभंगा डिवीजन के आयुक्त थे। सीबीआइ ने मामले में आरोप पत्र 10 वर्ष बाद 30 दिसंबर 1996 को दायर किया। आरोप पत्र दायर करने के वक्त आरोपित सिंह राजस्व बोर्ड में सदस्य थे। सीबीआइ के अनुसार आरोपित सिंह व उनके परिवार का रहन-सहन काफी उच्च था। सिंह पटना सिटी के फतुहा थाना क्षेत्र के मसाढ़ी गांव निवासी हैं। सिंह को यह सजा प्राथमिकी दर्ज होने के 32 वर्ष बाद सुनाई गई है।


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