बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर, सीएम नीतीश ने किया हवाई सर्वेक्षण
बिहार में बाढ का खतरा बढता जा रहा है। उत्तर बिहार में कई गांव तबाह हो गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर कई निर्देश दिए हैं।
पटना [वेब डेस्क]। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरूवार को प्रदेश के बाढ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस क्रम में पूर्णिया पहुंचे सीएम ने चूनापुर हवाई अड्डा पहुंचने के तत्काल बाद हेलिकॉप्टर से जिले के प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण से लौटकर चूनापुर हवाईअड्डा पर प्रमंडल के सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर राहत एवं बचाव कार्यो की समीक्षा की।
सीएम ने दो दिनो के अंदर पीड़ित परिवारों को सूखा राशन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि कटिहार की स्थिति ज्यादा खराब है। सीएम ने बायसी की हालत पर भी चिंता जताई। कहा कि किशनगंज मे पानी धीरे धीरे घट रहा है। उन्होंने प्रभावित इलाकों में शिविर लगाकर शीघ्र राहत सामग्री बाँटने का निर्देश दिया।
इससे पूर्व बुधवार को भी मुख्यमंत्री ने सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों के साथ राज्य में बाढ की स्थिति, बचाव एवं राहत कार्यो की समीक्षा की।बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बाढ प्रभावित पूर्णिया, कटिहार, अररिया एवं किशनगंज जिला के प्रभारी सचिव को निर्देश दिया कि वे तुरंत अपने प्रभार के जिलों के लिये प्रस्थान कर जायें और अपने प्रभार के जिले में जाकर बाढ एवं बचाव कार्यों में आवश्यक पर्यवेक्षण तथा सहयोग प्रदान करें।
राहत-बचाव में जुटी हैं एनडीआरएफ की नौ टीमें
इस बीच पटना के बिहटा स्थित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानि एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन की कुल 9 टीमें बाढ प्रभावित जिलों दरभंगा, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में बाढ में फंसे हुए लोगों को निकालने का काम कर रही है तथा अभी तक करीब 4000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन के समादेष्टा विजय सिन्हा ने बताया कि इन जिलों में यातायात संपर्क टूटने के कारण नावों के जरिए राहत सामग्री बांटने तथा रीवर एम्बुलेंस एवं मोबाइल अस्पताल के जरिए चिकित्सा अधिकारी जरुरतमंद लोगों के बीच दवाइयां बांटने के साथ बीमार लोगों का इलाज कर रहे हैं।
उत्तर बिहार में बाढ की स्थिति
नेपाल में जारी बारिश से बुधवार को भी उत्तर बिहार की नदियों में उतार -चढ़ाव जारी रहा। गंडक व पहाड़ी नदियों में उफान से परेशानी बनी हुई है। बाढ़ के पानी से दर्जनों गांव घिरे हैं।
पश्चिम चंपारण : गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। भितहां और ठकराहां प्रखंड के दर्जनभर गांवों में पानी घुस गया है। पीडि़तों ने पीपी तटबंध पर शरण ली है। योगापïट्टी, बैरिया व नौतन के दर्जनभर गांवों में पानी घुसा है। दियारावर्ती चार दर्जन गांव पानी से घिरे हैं। रामनगर प्रखंड के दर्जन भर गांवों में घुस गया है।
औरहिया गांव में दो दर्जन घर नदी में विलीन हो गए। पिपरासी तटबंध के चंदरपुर रिटायर्ड बांध के डाउन साइड में कटाव तेजी से जारी है। हालांकि, बगहा-वाल्मीकिनगर बराज से पानी के प्रवाह में लगातार कमी आ रही है। डीएम लोकेश कुमार सिंह ने प्रभावित प्रखंडों में अधिकारियों को तैनात कर दिया है।
पूर्वी चंपारण : तटबंध के भीतर के दर्जनों गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सरकारी स्तर पर 18 राहत शिविर खोले गए हैं। तीन प्रखंडों में एचडीआरएफ ने मोर्चा संभाल रखा है। लोग रतजगा कर रहे हैं। डुमरिया बगही के समीप बांध पर दबाव बढ़ गया है।
मधुबनी : नदियों के जलस्तर में कमी के बाद भी स्थिति यथावत है। कमला बलान झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर होने के बाद भी स्थिर है। मधेपुर प्रखंड के कोसी प्रभावित गांवों की हालत नारकीय है।
समस्तीपुर : शिवाजीनगर प्रखंड के कांकर गांव के शिव मंदिर के पास कटाव जारी है। करेह नदी की मुख्य धारा मात्र 25 फीट की दूरी पर बह रही है। जलस्तर में वृद्धि से दहशत है।
सीतामढ़ी : सुरसंड में रातो नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। श्रीखंडी भि_ा पूर्वी पंचायत के वार्ड 5 में पानी जमा है। सड़कों पर पानी का तेज बहाव जारी है।
शिवहर : बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सुरक्षा तटबंध के कई स्थानों पर दबाव है। एसएच 54 व एनएच 104 पर पानी का बहाव बंद है। एसएच 54 पर पांचवें दिन भी आवागमन बाधित रहा। पिपराही प्रखंड के दर्जनों गांव के निचले इलाके में पानी घुस गया है।
दरभंगा : कमला बलान व कोसी के जलस्तर में वृद्धि से स्थिति विकराल होती जा रही है। पदाधिकारियों की छुट्टियां रदद कर दी गईं हैं। एनडीआरएफ को घनश्यामपुर तथा किरतपुर प्रखंड के तटबंधों की निगरानी के लिए भेजा गया है। कुशेश्वरस्थान में डूबने से एक बच्चा मर गया। बाढ़ पीडि़तों का पलायन जारी है।