Bihar Thunder storm Update: बिहार में फिर वज्रपात से 11 की मौत, पांच जिलों में हुईं घटनाएं; ऐसे बचें
बिहार में फिर आकाश से आपदा बरसी। मंगलवार को वज्रपात से 11 लोगों की मौत हो गई। इनमें पांच लोगों की मौत सारण जिले में हुई। कुछ सावधानियां बरत हम वज्रपात से सुरक्षा कर सकते हैं।
पटना, जेएनएन। बिहार में फिर आकाश से आपदा बरसी। मंगलवार को वज्रपात से पांच जिलों में 11 लोगों की मौत हो गई। पांच लोगों की मौत सारण जिले में हुई, जबकि दो की मौत नवादा जिले में हुई। लखीसराय व जमुई में भी एक-एक मौत हुई।
बताया जाता है कि सारण जिले में वज्रपात से मरने वाले लोगों में गरखा के चार लोग हैं, जबकि एक मकेर का है। वहीं, नवादा बाइपास में भी वज्रपात से दो की मौत हो गई है। मृतक योगेंद्र यादव मंगर बिगहा के रहने वाले थे। भैंस चरा रहे थे, तभी वज्रपात (ठनका) की चपेट में वह आ गया। मालूम हो कि पिछले सप्ताह बिहार में एक ही दिन में 100 से अधिक लोग वज्रपात की चपेट में आकर जान गंवा दी है।
सारण में दो महिलाओं समेत पांच की मौत
छपरा से जेएनएन के अनुसार, तेज बारिश के साथ वज्रपात से दो महिलाओं समेत पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं, दो महिलाओं समेत चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। गड़खा के महम्मदा बथानी गांव में वज्रपात से एक महिला व एक बच्चा समेत तीन की मौत हो गई। इसमें कामेश्वर राय की पत्नी सरोज देवी (45), ठाकुर राय (61) तथा बिहारी राय के 10 वर्षीय पुत्र रवि कुमार शामिल हैं। गड़खा के ही रामगढ़ा में खेत में काम कर रहे 53 वर्षीय रामायण साह की मौत वज्रपात से हो गई। दो अन्य घायल हो गए। वहीं मकेर के पश्चिम ठहरा गांव में राजकुमार साह की 38 वर्षीय पत्नी निर्मला देवी की जान ठनका गिरने से हो गई।
झोपड़ी में छिप गए थे, तभी हुआ हादसा
बताया जाता है कि महम्मदा बथानी गांव में कोरोना जांच के लिए मेडिकल टीम पहुंची थी। गांव के 150 लोगों का सैंपल लिया जाना था। इसको लेकर काफी भीड़ थी। कुल एक सौ लोगों का कलेक्शन लिया गया था, तभी बारिश आ गई। इसके बाद लोग आसपास की झोपड़ी में और अन्य शेड के नीचे छिप गए। इसी दौरान बिजली गिरने से तीन की मौत हो गई। इसके बाद अफरातफरी मच गई। मेडिकल टीम भी भाग खड़ी हुई। सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
पानापुर में दो महिलाएं जख्मी
इधर पानापुर थाना क्षेत्र के भोरहा गांव में संतोष महतो के घर पर बिजली गिरने से दो महिलाएं जख्मी हो गईं। वे दोनों घर में सो रही थीं तभी आकाशीय बिजली गिरी। उनके घर के बिजली के तार व मीटर जल गए। घायलों में तरैया थाना क्षेत्र के उसरी गांव निवासी रामाशंकर महतो की 36 वर्षीय पत्नी ललिता देवी और 60 वर्षीय रूपझड़ी देवी घायल हैं।
नवादा में व्रजपात से दो की मौत
नवादा से जेएनएन के अनुसार, मंगलवार की दोपहर जिले के विभिन्न हिस्सों में बारिश के साथ हुई वज्रपात में एक महिला समेत दो की मौत हो गई। नवादा नगर व अकबरपुर थाना क्षेत्र में हादसा हुआ। नवादा बाइपास में वज्रपात से मंगर बिगहा मोहल्ले के योगेंद्र यादव की मौत हुई। घटना के वक्त वे भैंस चरा रहे थे, तभी ठनका गिरा, जबकि दूसरी मौत अकबरपुर थाना क्षेत्र के गेरांडी गांव में हुई। जहां ठनका गिरने से 25 वर्षीया उगंता देवी पति सिकंदर मांझी की मौत हो गई। अकबरपुर थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार वर्मा ने बताया कि महिला लकड़ी चुनने गांव से बाहर बधार की ओर गई थी। तभी व्रजपात की चपेट में आ गई। दोनों मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है।
वज्रपात से बचने को बरतें सावधानी
तो खुले में मोबाइल का इस्तेमाल न करें
मौसम विभाग के अनुसार, बिजली कड़कने के दौरान खुले में मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करें। ऐसी स्थिति में मोबाइल से कॉल बिल्कुल न करें। वज्रपात की आशंका हो तो मोबाइल को तत्काल स्विच ऑफ कर दें। जब तक आकाश साफ नहीं हो, उसे ऑन न करें। बिजली कड़कने के दौरान मोबाइल का उपयोग करने से सेट में खराबी आने की भी आशंका रहती है। इसके अलावा विद्युत सुचालक चीजों से दूर रहें तो ज्यादा ठीक है।
क्या करें क्या न करें, इसे जानें
- बादलों के गर्जन के समय ऊंचे पेड़ों की शरण न लें। न ही वर्षा से बचने हेतु ऐसा किया जाए। अकेले पेड़ या ऊंची संरचनाओं की शरण बिल्कुल न ली जाए। मजबूरी हो, तो छोटे पेड़ों के पास ही रहें।
- खुले आसमान के नीचे अकेले फंस गये हों तो गड्ढों या नीची चट्टानों की ओट लें।
- विस्तृत मैदान में, जहां कोई पेड़ या ऊंची रचना न हो, वहां खड़े रहने की गलती न करें।
- उसी छतरी का इस्तेमाल करें, जिसमें धातु की बजाय लकड़ी का हैंडल लगा हो।
- आसपास कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मसलन कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि चालू हालत में न रखें।
- बिजली के खंभों और टॉवरों से दूरी बरतें।
- वाहनों से निकल कर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाएं।
- बिजली चमकने के समय धातु के तारों, खिड़की, ग्रिल आदि से दूर रहें। उस समय बिजली का हर उपकरण बंद रखा जाये।
- वज्रपात की आशंका हो तो खुली जमीन पर न लेटें।
- विशाल मैदान हो, तो झुंड में न खड़े हों।
- दलदली तथा जल-जमाव के स्थानों से दूर रहा जाये।