प्रसूता की मौत पर अस्पताल के निदेशक और डॉक्टर पर केस दर्ज
पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित सहयोग अस्पताल में प्रसूता की मौत के मामले में परिजनों ने दर्ज कराई प्राथमिकी
By Edited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 11:46 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 11:46 PM (IST)
पटना। पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित सहयोग अस्पताल में प्रसूता की मौत के मामले में परिजनों ने अस्पताल निदेशक डॉ. एनके लाल, डॉ. स्वर्णलता श्रीवास्तव और एक अन्य डॉक्टर के खिलाफ पाटलिपुत्र थाने में केस दर्ज कराया है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के निदेशक और डॉक्टर की लापरवाही से स्निग्धा की मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया।
महेशनगर निवासी प्रशांत कुमार सिन्हा की गर्भवती पत्नी स्निग्धा को सोमवार को सहयोग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को स्निग्धा ने एक पुत्री को जन्म दिया। परिजनों का कहना है कि लड़की का जन्म ऑपरेशन से हुआ था। प्रशांत कुमार ने थाने में लिखित शिकायत की है कि बेटी के जन्म के बाद पत्नी की स्थिति खराब होने लगी। डॉक्टर और निदेशक से बार-बार पूछने के बाद भी कोई सही जानकारी नहीं दे रहा था। नौ अप्रैल की सुबह उनकी पत्नी को आइसीयू में शिफ्ट कर दिया गया।
उसी दिन शाम में पुन: दूसरी बार सर्जरी की गई थी। वास्तविक स्थिति जानने के लिए निदेशक से संपर्क किया गया और किसी दूसरे अस्पताल में ले जाने की इच्छा जाहिर की गई थी। लेकिन, डॉ. स्वर्णलता ने बताया कि यहां बेहतर इलाज हो रहा है। बाहर ले जाने की जरूरत नहीं है, जबकि उनसे प्रसूता की जांच रिपोर्ट और सही स्थिति जानने की कोशिश की गई तो किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई। इसी बीच अस्पताल के ही कर्मचारियों से जानकारी मिली कि सर्जरी में हुई लापरवाही से स्निग्धा की स्थिति नाजुक हो गई और उसकी मौत हो गई। प्रशांत ने अस्पताल के निदेशक और चिकित्सकों पर केस दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की है।
महेशनगर निवासी प्रशांत कुमार सिन्हा की गर्भवती पत्नी स्निग्धा को सोमवार को सहयोग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को स्निग्धा ने एक पुत्री को जन्म दिया। परिजनों का कहना है कि लड़की का जन्म ऑपरेशन से हुआ था। प्रशांत कुमार ने थाने में लिखित शिकायत की है कि बेटी के जन्म के बाद पत्नी की स्थिति खराब होने लगी। डॉक्टर और निदेशक से बार-बार पूछने के बाद भी कोई सही जानकारी नहीं दे रहा था। नौ अप्रैल की सुबह उनकी पत्नी को आइसीयू में शिफ्ट कर दिया गया।
उसी दिन शाम में पुन: दूसरी बार सर्जरी की गई थी। वास्तविक स्थिति जानने के लिए निदेशक से संपर्क किया गया और किसी दूसरे अस्पताल में ले जाने की इच्छा जाहिर की गई थी। लेकिन, डॉ. स्वर्णलता ने बताया कि यहां बेहतर इलाज हो रहा है। बाहर ले जाने की जरूरत नहीं है, जबकि उनसे प्रसूता की जांच रिपोर्ट और सही स्थिति जानने की कोशिश की गई तो किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई। इसी बीच अस्पताल के ही कर्मचारियों से जानकारी मिली कि सर्जरी में हुई लापरवाही से स्निग्धा की स्थिति नाजुक हो गई और उसकी मौत हो गई। प्रशांत ने अस्पताल के निदेशक और चिकित्सकों पर केस दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की है।
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