पटना जू लाई जाएगी मादा जेबरा, बदले में कोलकाता भेजे जाएंगे नौ वन्यप्राणी
पटना जू में जल्द ही कोलकाता से लाया गया जेबरा देखने को मिलेगा।
पटना, जेएनएन। पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में जल्द ही मादा जेबरा देखने को मिलेगी। इसे कोलकाता के चिड़ियाघर से लाया जाएगा। बदले में पटना जू से नौ वन्यप्राणी कोलकाता चिड़ियाघर जाएंगे। इसके लिए कोलकाता चिड़ियाघर और स्थानीय संजय गांधी जैविक उद्यान के बीच समझौता हो गया है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की मुहर लगने के बाद अदला-बदली की प्रक्रिया शुरू होगी।
अफ्रीकी देश में पाए जाते हैं जेबरे
उद्यान प्रशासन एक मादा जेबरा के बदले में एक बाघिन, दो सांभर और छह ब्लैक बक कोलकाता जू को देगा। चिड़ियाघर में जेबरा मुख्य आकर्षण के केंद्र होते हैं। ये मूल रूप से अफ्रीकी देश में पाए जाते हैं। घोड़ा प्रजाति के जेबरा सफेद और काला धारीदार होने के कारण बच्चों के बीच काफी पसंद किए जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चे जेड फॉर जेबरा पढ़ते हैं तथा चिड़ियाघर में जेबरा देखना पसंद करते हैं।
अप्रैल 1997 से जू में है जेबरा
स्थानीय चिड़ियाघर में अप्रैल 1997 से जेबरा हैं। पहले जोड़ा के रूप में लखनऊ चिड़ियाघर से फुलकांति तथा कानपुर चिड़ियाघर से वशिष्ठ आया था। आठ माह बाद ही मादा जेबरा की मृत्यु हो गई थी। 2001 में कानपुर चिड़ियाघर से शुब्बी नामक मादा जेबरा को लाकर जोड़ा बनाया गया। 2004 में नर बच्चे का जन्म हुआ, लेकिन बच्चे की मौत एक साल के अंदर हो गई। दूसरा बच्चा 2005 में हुआ। उसे बचाने के दृष्टिकोण से कानपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया। इनक्लोजर में फंसकर वशिष्ट की मौत जनवरी 2008 में हो गई। शुब्बी गर्भ धारण कर ली थी। 15 दिसंबर 2008 को शुब्बी नर जेबरा का जन्म दी। कुछ दिनों के बाद शुब्बी की भी मौत हो गयी। शुब्बी का बच्चा 10 साल का हो गया है।
मादा जेबरा आने से हो सकेगा प्रजनन
मादा जेबरा की व्यवस्था उद्यान प्रशासन आज तक नहीं करा पाया। पहली बार जेबरा को जोड़ा लगाकर प्रजनन बढ़ाने की कवायद प्रारंभ हुई है। उद्यान निदेशक अमित कुमार नर जेबरा के प्रस्ताव पर मुहर लगवाने के लिए सीधे केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के संपर्क में हैं।