बिहार में बाढ : दियारा का असली दर्द, बाढ़ के बाद क्या होगा?
बिहार में बाढ की स्थिति और उससे प्रभावित लोगों का हाल बुरा है। राहत शिविरों में रह रहे लोगों को चिंता बस इस बात की है कि बाढ के बाद क्या होगा?
पटना [अरविंद शर्मा]। राजधानी से चंद किमी दूर 38 गांवों के करीब 70 हजार लोग गंगा की विनाशलीला के अभ्यस्त हो चुके हैं। मनेर प्रखंड की छह पंचायतें पूरी तरह जलमग्न हैं। महावीर टोला की 70 वर्षीया बुंदा देवी को घहराती गंगा की तेज धार का डर नहीं है।
असली चिंता है कि बाढ़ के बाद क्या होगा। माल-मवेशी बह गए। आशियाना ढह गया। उठ खड़े होने की आखिरी उम्मीद खेती-बाड़ी भी चौपट हो गई। आगे क्या होगा...भगवान जानें!
पिछले दस दिनों से पानी-पानी होते दियारा के लोगों की जिंदगी में गम ही गम है। शहरों के ऊंचे मकानों में रहते हुए बाढ़ से घिरने, बहने, भंसने और भोगने के दर्द को महसूस नहीं किया जा सकता है।
गंगा का गुस्सा देखना है तो दियारा में जाइए, जहां लोग जोखिम उठाकर जिंदगी के लिए जंग कर रहे हैं। जहां हर घर में मुसीबतों का डेरा है। नीचे पानी और छतों पर जिंदगानी। न अपना खाना, न मवेशियों का ठिकाना। उनकी ओर बढ़ रही प्रत्येक नाव में उन्हें जलदूत नजर आते हैं, जो उनके लिए भोजन-पानी लेकर आने वाले हैं।
मनेर के जलमग्न गांवों की यही कहानी है। मीलों तक सिर्फ पानी ही पानी। प्रखंड के किता 74 पूर्वी एवं पश्चिमी, नगरपाल, किता 74 मध्य, रामपुर एवं तौकीर जैसे दर्जनों गावों की एक तरफ जीवन देने वाली गंगा का उफान तो दूसरी तरफ सोन की विनाश लीला। रातोरात माल-मवेशी बह गए हैं। अब तो राहत कैंपों में ही नया बसेरा है।
हालांकि इनमें भी कुछ ऐसे हिम्मती हैं जो दर्द को दिल से लगाकर दियारा में ही डटे हुए हैं। 182 घरों वाले महावीर टोला के 175 घर अबतक गिर चुके हैं। सात बचे हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं...नहीं गिरा है तो ओमप्रकाश राय का हौसला। वह कहते हैं, हम कहीं नहीं जाएंगे। रहना-सहना इहां हई तो जीना-मरना भी एहीं होतई।
आपदा प्रबंधन मंत्री चंद्रशेखर उन्हें राहत कैंपों तक लाना चाहते हैं, लेकिन ओमप्रकाश को घर छोडऩा मंजूर नहीं। फूड पैकेट लेकर वह मंत्री जी को नमस्ते कर लेते हैं।
दियारा के लोग धैर्य रखें, क्षति की भरपाई होगी : चंद्रशेखर
आपदा प्रबंधन मंत्री चंद्रशेखर ने सोमवार को मनेर के बाढ़ प्रभावित दियारा क्षेत्र का सघन दौर कर उनका हाल जाना। पीडि़तों से धैर्य रखने का आग्र्रह करते हुए उन्होंने कहा है कि सरकार उनके हर नुकसान की भरपाई करेगी। सिर्फ राहत सामग्र्री देकर ही उन्हें नहीं छोड़ा जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि नियमानुकूल उन्हें सबकुछ मिलेगा। यह अलग बात है कि प्रक्रिया में थोड़ा समय लग सकता है। मुआवजा राशि का भुगतान सबके खाते में की जाएगी। मंत्री ने लोगों से किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की गुजारिश भी की है।