वाराणसी हादसा: पति व पुत्र को खोने के बाद जिंदगी-मौत के बीच झूल रही पत्नी
वाराणसी में निर्माणाधीन पुल का एक स्पैन गिरने से दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई। घटना में बिहार की भी एक कार दब गई, जिसमें पिता-पुत्र की मौत हो गई।
By Ravi RanjanEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 09:24 PM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 10:30 PM (IST)
style="text-align: justify;">पटना/ वाराणसी [जागरण टीम]। वाराणसी के मुख्य कैंट रेलवे स्टेशन के समीप मंगलवार को हुई फ्लाईओवर हादसे में बिहार के सारण के पिता-पुत्र की मौत हो गई, जबकि पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। उसका इलाज वाराणसी में चल रहा है।
बताया जाता है कि अपनी कार से सारण के रसूलपुर थाना क्षेत्र के टेसुआर गांव निवासी रामबहादुर सिंह व उनकी पत्नी अपने इकलौते बेटे जेम्स को कोटा जाने के लिए कार से वाराणसी कैन्ट रेलवे स्टेशन पर छोडऩे जा रहे थे। इसी दौरान उनकी आई-10 कार पर निर्माणाधीन पुल का स्लैब आ गिरा। इसमें दबकर पिता व पुत्र की घटनास्थल पर हीं मौत हो गई। जेम्स कोटा में पढ़ाई करता था।
बताया जाता है कि हादसे के दौरान जब स्लैब कार पर गिरा, तब उसके झटके से पत्नी कार से बाहर फेंका गई जबकि पिता-पुत्र उसी में दब गए। पुत्र का शव कुछ देर बाद ही निकाल लिया गया, पिता का शव देर रात में निकला।
वायुसेना से रिटायर होकर रामबहादुर ज्वाईन किए थे बैंक
रामबहादुर सिंह 1991 में वायुसेना में तकनीकी रैंक में शामिल हुए थे। नवम्बर 2010 में वायुसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने सिंडिकेट बैंक में बतौर क्लर्क सेवा देदी शुरू की। एक पखवारे पहले ही बैंक ने उन्हें सीनियर मैनेजर के पद पर प्रोमोशन देकर समस्तीपुर से वाराणसी भेजा था।
रामबहादुर सिंह की बड़ी पुत्री जूली कुमारी रसिया में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है, जबकि इकलौता पुत्र वैभव उर्फ जेम्स कोटा में अध्ययन करता था। बाप-बेटे की मौत के बाद परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है।
यह है घटना
विदित हो कि वाराणसी में कैंट स्टेशन के सामने सड़क पर उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम फ्लाईओवर का निर्माण करा रहा है। मंगलवार की शाम में इसका एक स्पैन अचानक गिर गया। इसकी चपेट में कई वाहन आ गए। दुर्घटना में दो दर्जन से अधिक लाेगों की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से अधिक घायल भी हो गए।
इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने हादसे में मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख तथा गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की है।
बताया जाता है कि अपनी कार से सारण के रसूलपुर थाना क्षेत्र के टेसुआर गांव निवासी रामबहादुर सिंह व उनकी पत्नी अपने इकलौते बेटे जेम्स को कोटा जाने के लिए कार से वाराणसी कैन्ट रेलवे स्टेशन पर छोडऩे जा रहे थे। इसी दौरान उनकी आई-10 कार पर निर्माणाधीन पुल का स्लैब आ गिरा। इसमें दबकर पिता व पुत्र की घटनास्थल पर हीं मौत हो गई। जेम्स कोटा में पढ़ाई करता था।
बताया जाता है कि हादसे के दौरान जब स्लैब कार पर गिरा, तब उसके झटके से पत्नी कार से बाहर फेंका गई जबकि पिता-पुत्र उसी में दब गए। पुत्र का शव कुछ देर बाद ही निकाल लिया गया, पिता का शव देर रात में निकला।
वायुसेना से रिटायर होकर रामबहादुर ज्वाईन किए थे बैंक
रामबहादुर सिंह 1991 में वायुसेना में तकनीकी रैंक में शामिल हुए थे। नवम्बर 2010 में वायुसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने सिंडिकेट बैंक में बतौर क्लर्क सेवा देदी शुरू की। एक पखवारे पहले ही बैंक ने उन्हें सीनियर मैनेजर के पद पर प्रोमोशन देकर समस्तीपुर से वाराणसी भेजा था।
रामबहादुर सिंह की बड़ी पुत्री जूली कुमारी रसिया में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है, जबकि इकलौता पुत्र वैभव उर्फ जेम्स कोटा में अध्ययन करता था। बाप-बेटे की मौत के बाद परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है।
यह है घटना
विदित हो कि वाराणसी में कैंट स्टेशन के सामने सड़क पर उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम फ्लाईओवर का निर्माण करा रहा है। मंगलवार की शाम में इसका एक स्पैन अचानक गिर गया। इसकी चपेट में कई वाहन आ गए। दुर्घटना में दो दर्जन से अधिक लाेगों की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से अधिक घायल भी हो गए।
इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने हादसे में मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख तथा गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की है।
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