Farmer News: फसल सहायता के लिए शुरू हो गया किसानों का निबंधन, यहां जानें आवेदन का तरीका
Bihar crop assistance scheme बिहार सरकार ने फसल सहायता योजना के लिये आवेदन लेने शुरू कर दिया है। किसान अपनी फसल के लिए तय तिथि के अंदर ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। इस योजना में किसी कारण से फसल क्षति होने पर सहायता का प्रावधान है।
पटना, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार ने चालू वर्ष में रबी फसलों के लिए मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना की शुरुआत कर दी है। इस बार गेहूं, मक्का, चना, मसूर, अरहर, राई-सरसों, ईख, प्याज एवं आलू फसलों के नुकसान की भरपाई की जाएगी। इच्छुक किसान उक्त सभी फसलों के लिए अलग-अलग तारीखों में ऑनलाइन निबंधन करा सकते हैैं। जिनका निबंधन नहीं होगा, वे सहायता योजना के लाभ उठाने के हकदार नहीं होंगे। रैयत एवं गैर रैयत दोनों तरह के किसानों को लाया गया है।
सहकारिता विभाग ने जारी कर दी है अधिसूचना
सहकारिता विभाग ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी है। यह राज्य सरकार की अपनी योजना है। इसमें किसानों को किसी प्रकार के प्रीमियम का भुगतान नहीं करना होता है। सारी भरपाई राज्य सरकार की ओर से की जाती है। इच्छुक किसान विभाग की वेबसाइट पर जाकर अलग-अलग फसलों के लिए विभिन्न तारीखों में ऑनलाइन निबंधन करा सकते हैैं। राई और सरसों के लिए 31 दिसंबर 2020 तक निबंधन की आखिरी तारीख है, जबकि अन्य फसलों के लिए जनवरी-मार्च 2021 तक की तिथि निर्धारित है।
योजना के दायरे में आती हैं कई तरह की फसलें
इस योजना के दायरे में आने वाली फसलों को अलग-अलग अधिसूचित किया गया है। गेहूं एवं मक्का को राज्य के सभी 38 जिलों में पंचायत स्तरीय, जबकि चना, मसूर, अरहर, राई-सरसों, ईख, प्याज एवं आलू को जिला स्तर पर अधिसूचित किया गया है। चना की फसल के नुकसान पर राज्य के 17 जिलों में भरपाई की जाएगी। इसी तरह मसूर 35 जिले और अरहर 22 जिले, ईख 16 जिले, राई-सरसों सभी 38 जिले, प्याज 14 जिले और आलू की फसल की क्षति पर 15 जिलों के किसान सहायता ले सकते हैैं। पोर्टल पर सभी फसलों एवं उनके अधिसूचित जिले की सूची उपलब्ध है।
आधा फीसद नुकसान पर भी भरपाई
नुकसान का आकलन फसल कटनी के आधार पर की जाती है। 20 फीसद से कम क्षति पर प्रति हेक्टेयर क्षतिपूर्ति की दर साढ़े सात हजार रुपये हैैं। किसी किसान को अगर आधा फीसद ही नुकसान हुआ होगा तो उसे भी अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए 15 हजार रुपये मिल जाएंगे। 20 फीसद से ज्यादा नुकसान पर प्रति हेक्टेयर 10 हजार रुपये की भरपाई की जाती है। कोई भी किसान अधिकतम दो हेक्टेयर तक ही योजना का लाभ ले सकता है।
फसल : निबंधन की अंतिम तिथि
- गेहूं : 26 फरवरी
- मक्का : 26 फरवरी
- चना : 31 जनवरी
- मसूर : 15 फरवरी
- अरहर : 28 मार्च
- ईख : 28 फरवरी
- प्याज : 15 फरवरी
- आलू 31 जनवरी
- राई-सरसों : 31 दिसंबर 2020