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फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़, बिहार के नंबरों पर ट्रांसफर की जाती थी पाकिस्तान की कॉल

पटना पुलिस ने फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया। फर्जी एक्सचेंज से खाड़ी देशों के अलावा पाकिस्तान की कॉल भी बिहार के कई नंबरों पर ट्रांसफर की जाती थी।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 08:22 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 08:22 AM (IST)
फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़, बिहार के नंबरों पर ट्रांसफर की जाती थी पाकिस्तान की कॉल
फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़, बिहार के नंबरों पर ट्रांसफर की जाती थी पाकिस्तान की कॉल

पटना, जेएनएन। राजधानी पुलिस ने गांधी मैदान थाना क्षेत्र के सालिमपुर अहरा गली नंबर दो में गुरुवार की रात फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया। मौके से पश्चिम बंगाल निवासी राजीव बनिक और बोकारो निवासी अदनान शामी को गिरफ्तार किया गया। गिरोह का सरगना अनुराग गुप्ता के देहरादून में छिपे होने की बात सामने आई है। उसने पश्चिम बंगाल में भी फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज खोल रखा था। बंगाल पुलिस ने कार्रवाई की थी, जिसके बाद पटना पुलिस को गांधी मैदान में एक्सचेंज होने की जानकारी मिली।

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इस खेल में गुजरात का रीतेश और गाजियाबाद का विकास भी शामिल है। बड़ी बात है कि इस फर्जी एक्सचेंज से खाड़ी देशों के अलावा पाकिस्तान की कॉल भी बिहार के कई नंबरों पर ट्रांसफर की जाती थी। गांधी मैदान थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने बताया कि तकनीकी विशेषज्ञ की मदद से पूरे गिरोह तक पहुंचने की कवायद जारी है।

इस तरह काम करता है एक्सचेंज

वॉइस ओवर इंटरनेट टेलीफोनी बेस्ड इस एक्सचेंज से चार सिम बॉक्स, सौ से ज्यादा सिम कार्ड, लैपटॉप, मॉडम, ऐंटीना, बैट्री और कनेक्टर बरामद किए गए। ये सिम बॉक्स लगातार बदलने वाले आईएमईआई नंबर का इस्तेमाल करते हैं, जिसे ट्रैक कर पाना मुश्किल हो जाता है। टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने सिम बॉक्स को अवैध घोषित कर रखा है। एक्सचेंज में वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकोल (वीओआइपी) अर्थात इंटरनेट कॉल को लोकल जीएसएम कॉल में बदल दिया जाता था, जिससे लगता था कि कॉल भारत के ही किसी हिस्से से आ रही है। मसलन, अगर दूसरे देश का व्यक्ति बिहार के मित्र को उसके मोबाइल पर कॉल करेगा तो सही मोबाइल नंबर डिस्प्ले नहीं होगा। उस नंबर पर रिवर्ट कॉल भी नहीं जा सकती और उसकी लोकेशन भी ट्रेस नहीं होगी।

2017 में पहली बार पकड़ा गया था फर्जी एक्सचेंज

नवंबर 2017 में तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार दुबे ने पहली बार गांधी मैदान थाना क्षेत्र के लालजी टोला स्थित ऑल नेटवर्क सोल्यूशन नामक कंपनी के कार्यालय में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया था। इस दौरान पुलिस ने सगे भाई अनिल चौरसिया और सुनील चौरसिया के साथ नलीन सिन्हा को गिरफ्तार किया था। हाजीपुर की साहू कॉलोनी निवासी नलीन ने न्यू डाकबंगला रोड स्थित जेके मैनसन की दूसरी मंजिल पर होस्टएक्सिस नामक कार्यालय खोल रखा था। इसमें उसने जापान का सर्वर लगाया था, जिसकी मदद से इंटरनेशनल कॉल्स लोकल में बदले जाते थे।


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