JDU MLA बीमा भारती के बेटे की मौत की जांच में पुलिस के हाथ लगा अहम सुराग
जदयू विधायक बीमा भारती के बेटे की रहस्यमय तरीके से हुई मौत के मामले में पुलिस ने उसके दोस्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दीपक ने मौत से पहले दोस्तों संग शराब पार्टी की थी।
पटना [जेएनएन]। जदयू विधायक बीमा भारती के इक्कीस वर्षीय बेटे दीपक राज की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले की जांच में नई बातें सामने आई है। जांच के मुताबिक इस पूरी वारदात में दीपक के दोस्तों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। इतना ही नहीं पुलिस ने पूछताछ के बाद उसके दोस्तों मृत्युंजय, ऋतिक और विकास को अपहरण कर हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जांच में पता चला है कि जिस दिन दीपक की मौत हुई थी उस दिन उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर खूब शराब पी थी। ये बातें दीपक के दोस्तों ने भी स्वीकार की हैं।
दीपक के दोस्तों पर आपराधिक साजिश के तहत वारदात के बाद साक्ष्य मिटाने का आरोप भी लगाया गया है। हालांकि दोस्तों ने दीपक की हत्या किस मकसद से की होगी, फिलहाल इस सवाल का जवाब पुलिस के भी पास नहीं है। न ही पुलिस ये बता पाने में फिलहाल सक्षम है कि आखिर उसकी हत्या हुई है तो कैसे। इस सवाल के जवाब के लिए फिलहाल पुलिस पोस्टामार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। परिस्थिति और साक्ष्यों के आधार पर ही फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। शराब पार्टी में शामिल दो अन्य लड़कों की पहचान कर ली गई है। उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पकड़ा गया दोस्तों का झूठ
मृत्युंजय और ऋतिक ने प्रारंभिक पूछताछ के दौरान बताया था कि वे कमरे में सो रहे थे। शुक्रवार तड़के तीन बजे नींद खुली तो दीपक बिस्तर पर नहीं था। उन्होंने खोजबीन की, फिर सो गए। सुबह छह बजे दीपक के मोबाइल पर कॉल की तो फोन किसी अन्य ने रिसीव किया और कहा कि आप जिससे बात करना चाहते हैं, उसकी लाश पटरी पर पड़ी है।
पुलिस ने पड़ताल के दौरान घटनास्थल से लेकर जय महावीर कॉलोनी स्थित पुष्पविला अपार्टमेंट तक के रास्ते में जहां भी सीसी कैमरे दिखे, उनकी फुटेज ली और बारीकी से अवलोकन किया। रेलवे लाइन के पास एक मंदिर से भी सीसीटीवी फुटेज ली गई थी, लेकिन उसमें कुछ स्पष्ट नहीं हो सका। वहीं, अपार्टमेंट के पास एक घर में लगे सीसीटीवी में मृत्युंजय, ऋतिक और दीपक रात करीब दो बजे गुजरते देखे गए। घंटाभर बाद मृत्युंजय और ऋतिक ही लौटते नजर आए। इसके बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की।
दोस्तों ने सुनाई कहानी
गिरफ्तार दोस्तों ने पुलिस को बताया कि दीपक ने कॉल करके शराब का इंतजाम करने को कहा था। इसके बाद गुरुवार की शाम वह फ्लैट पर आया। कुल छह लड़कों ने शराब पी, जिसमें दीपक भी शामिल था। इसके बाद दो लड़के चले गए। रात दो बजे सिगरेट की तलब लगी तो वे दीपक के साथ टहलते हुए मेन रोड पर जाने लगे।
रास्ते में क्विक मोबाइल के जवानों ने उन्हें देखा तो वे घबरा गए और भागने लगे। मृत्युंजय और ऋतिक को गलियों के रास्ते अपार्टमेंट तक पहुंचने की जानकारी थी तो वे उधर से चले गए, जबकि दीपक रेलवे लाइन की तरफ भाग निकला। दोनों अपार्टमेंट में लौटकर आए और सो गए। शुक्रवार की सुबह जब उन्होंने दीपक के मोबाइल पर कॉल की, तब उसकी मौत के बारे में पता चला।
शराब वाली बात छुपाने पर बोला झूठ
पूछताछ में ऋतिक ने बताया कि दीपक की मौत की खबर सुनकर वे भौंचक रह गए। उन्हें लगा कि शराब वाली बात खुल जाएगी तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हत्या का शक भी उनपर ही होगा। यही कारण था कि उन्होंने पुलिस से झूठ बोला और दीपक के परिजनों को बार-बार बरगलाते रहे। इधर, पुलिस ने ऋतिक के मोबाइल को खंगाला तो मालूम हुआ कि उसने दीपक को वाट्सएप पर वीडियो कॉल की थी। इसके बाद वह यहां आया था। इस लिए पुलिस ने प्राथमिकी में अपहरण की धारा जोड़ी। ऋतिक और मृत्युंजय नामजद किए गए थे, जबकि विकास अप्राथमिकी अभियुक्त है।
सामने नहीं आया पूर्णिया कनेक्शन
दीपक के पिता अवधेश मंडल के बयान पर दर्ज हत्या की प्राथमिकी में ऋतिक और मृत्युंजय के अलावा नामजद पूर्व विधायक शंकर सिंह, चंदन सिंह, संतोष मंडल, राजेश मंडल और पुगुल मंडल पूर्णिया के रहने वाले हैं। पुलिस ने उनकी कॉल डिटेल खंगाली तो मालूम हुआ कि घटना के वक्त उनके मोबाइल का टावर लोकेशन पूर्णिया में ही था। उन्होंने पटना में किसी ऐसे नंबर पर बात नहीं की, जो संदिग्ध रहे हो। वहीं, दीपक की गर्लफ्रेंड के कुछ रिश्तेदारों के मोबाइल की सीडीआर से भी पुलिस को हत्या में संलिप्तता के साक्ष्य नहीं मिले। हालांकि अब भी वे शक के दायरे में हैं और अलग-अलग बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है।