Move to Jagran APP

फेक वायरल रिजल्ट से परीक्षा एजेंसियां भी परेशान, वाट्सएप नंबर पर करें शिकायत

परीक्षाओं से पहले रिजल्ट आ जाना फेक मार्कशीट का इस्तेमाल करना इत्यादि मामले के कारण परीक्षा एजेंसियां भी परेशान हो गई हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 04:49 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 11:38 PM (IST)
फेक वायरल रिजल्ट से परीक्षा एजेंसियां भी परेशान, वाट्सएप नंबर पर करें शिकायत

पटना, जेएनएन। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी), बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी), बीसीईसीई, एसएससी, यूपीएसएससी जैसी परीक्षा एजेंसियां फर्जी रिजल्ट, मार्क्‍सशीट आदि के नियमित रूप से वायरल होने से हलकान हैं। आयोग प्रमुखों का कहना है कि इससे कामकाज पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन, छात्र-छात्राओं के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

loksabha election banner

एजेंसियों का कहना है कि फर्जी रिजल्ट, मार्क्‍सशीट, शिड्यूल आदि को संज्ञान में नहीं लेते। बीपीएससी 64 वीं प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट में त्रुटि से संबंधित आपके पास किसी तरह की प्रमाणिक जानकारी है तो वाट्सएप नंबर (8409949195) पर साझा कर सकते हैं।

पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव

बीपीएससी का कहना है कि अभ्यर्थी को अधिकृत वेबसाइट के संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है। बड़े फर्जी मामले संज्ञान में आने पर उसकी जांच कर संबंधित को जवाब उपलब्ध करा दिया जाता है। लेकिन, हर वायरल मामले की जांच करने से दैनिक कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। एनआइसी के विशेषज्ञ डॉ. एनके सिंह ने बताया कि फर्जी तथ्यों को वायरल करना गैरकानूनी है। छात्र व आयोग इसकी शिकायत संबंधित थानों में कर सकते हैं।

22 जांच में एक भी सही नहीं

बीपीएससी 64वीं का रिजल्ट जारी होने के बाद दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों का रौल नंबर और मार्क्‍सशीट वायरल कर बताया गया कि कम अंक के बावजूद वे लोग क्वालीफाई कर गए हैं। 22 रौल नंबर की जांच बीपीएससी से कराई गई। जिसमें एक भी सही नहीं निकला। रौल नंबर 246464 बीसी श्रेणी की महिला अभ्यर्थी का है। इन्होंने पीटी में 80 अंक प्राप्त किया है।

जबकि बीसी महिला का कटऑफ 82 है। बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि उक्त अभ्यर्थी का चयन बीसीएल (अतिपिछड़ा महिला) श्रेणी में किया गया है। इसका कटऑफ 79 है। मार्क्‍सशीट में बीसीएल का कटऑफ 79 फीसद दर्ज है। आवेदन में एससी-एसटी, ईबीसी व बीसी का कॉलम ही होता है। इस कारण अभ्यर्थी की कैटेगरी संबंधित श्रेणी का ही दर्ज होता है।

फर्जी वायरल के कारण सच्चाई भी कर दी जाती है अनसुनी

बीपीएससी अभ्यर्थियों का कहना है कि सीबीएसई, एनटीए, यूपीएसएससी सहित अधिसंख्य एजेंसियां अभ्यर्थियों को आंसर शीट उपलब्ध करा देती है। बीपीएससी को भी कार्बन कॉपी उपलब्ध करानी चाहिए।

64वीं पीटी में एक नंबर से क्वालीफाई नहीं कर पाने वाले अभिषेक आनंद ने बताया कि वायरल करने वाले किसी के नहीं होते हैं। लेकिन, कई फर्जी वायरल के चक्कर में कुछ सच्चाई भी अनसुनी कर दी जाती है। 64 वीं पीटी की आंसर-की में त्रुटि है। शिकायत के बावजूद आयोग की कार्रवाई सिफर है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.