Move to Jagran APP

बिहार में RTI पर भी तारीख पर तारीख, 30 दिन में मिलने वाली जानकारी का डेढ़ साल तक नहीं अता पता

बिहार में आरटीआइ के तहत 30 दिन में मिलने वाली सूचना डेढ़ साल बाद भी नहीं मिल रही है। अधिकारियों की शिकायत लेकर लोग राज्य सूचना आयोग में पहुंच रहे हैं तो उन्हें वहां भी 30 दिन की बजाए महीनों सुनवाई के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 08:57 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 08:57 AM (IST)
बिहार में RTI पर भी तारीख पर तारीख, 30 दिन में मिलने वाली जानकारी का डेढ़ साल तक नहीं अता पता
सूचना के अधिकार कानून के तहत 30 दिन में मिलने वाली सूचना डेढ़ साल बाद भी नहीं मिल रही है।

जयशंकर बिहारी, पटना : सूचना के अधिकार कानून के तहत 30 दिन में मिलने वाली जानकारी डेढ़ साल बाद भी नहीं मिल रही है। सूचना के अधिकार से वंचित करने वाले अधिकारियों की शिकायत लेकर लोग राज्य सूचना आयोग में पहुंच रहे हैं तो उन्हें वहां भी 30 दिन की बजाए महीनों सुनवाई के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। शास्त्रीनगर के नलिनी रंजन ने नगर निगम से 2018 में विभिन्न मद में सूचना मांगी थी। अपील के एक साल के बाद भी उन्हें पूरी सूचना नहीं मिल सकी है। 

loksabha election banner

आरटीआइ कार्यकर्ता अजय चौरसिया का कहना है कि आयोग सूचना उपलब्ध कराने की बजाए रोड़ा अटका रहा है। आरटीआइ कार्यकर्ताओं की सुनवाई अपील की तिथि के डेढ़-दो साल बाद होती है। आयोग में पारदर्शिता का अभाव है। जबकि सूचना आयोग के सचिव सुरेश पासवान का कहना है कि सुनवाई की फेहरिस्त छोटी करने के लिए अध्यक्ष और सदस्य एक दिन में 30 से 35 मामले निपटा रहे हैं। यदि व्यक्ति के लिए सूचना ज्यादा जरूरी होती है तो उन्हें फास्ट ट्रैक की सूची में शामिल कर 15 दिनों में सुनवाई पूरी कर ली जा रही है। आयोग के अनुसार, लगभग 10 हजार से अधिक मामले अभी लंबित हैं। वहीं, औसतन एक दिन में लगभग 125 मामले अपील के लिए आते हैं। जबकि सुनवाई प्रतिदिन 90 मामले की हो रही है। 

50 व्यक्तियों ने ही दर्ज कराई हैं आधी अपीलें 

राज्य सूचना आयोग के अनुसार, सुनवाई के लिए दर्ज अपील में आधे से अधिक मामले सिर्फ 50 व्यक्तियों के हैं। इन्हें चिन्हित किया गया है। इनके मामले की सुनवाई की तारीख देर से मिलती है। कुछ लोग आरटीआइ कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। सबसे अधिक अपील से जुड़े मामले ग्रामीण विकास, नगर निगम, शिक्षा, स्वास्थ्य, नगर विकास, पुलिस, भूमि सुधार विभाग से जुड़े होते हैं। 

90 दिनों की प्रक्रिया साल में भी नहीं हो रही पूरी 

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आमजन कुछ अपवाद को छोड़कर संसद और विधानसभा को सरकारी विभागों द्वारा दी जाने वाली तमाम जानकारी के हकदार हैं। इसके लिए प्रत्येक विभाग में आवेदन स्वीकार करने के लिए लोक सूचना अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। आवेदन प्राप्ति के 30 दिनों में विभाग को सूचना उपलब्ध करानी है। 30 दिनों में सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर आवेदक को संबंंधित विभाग के वरीय अधिकारी से अपील करना है। 30 दिन में अपीलीय पदाधिकारी भी सूचना उपलब्ध नहीं कराते हैं तो आवेदक राज्य व केंद्र सूचना आयोग में अपील कर सकता है। सूचना आयोग को 30 दिनों के अंदर आवेदक को सूचना उपलब्ध कराकर संबंधित अधिकारी पर जुर्माना लगाने का अधिकार है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.