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मुचकुन एनकाउंटर: इंजीनियर बहन के कुख्यात भाई को फोन पर मिलती थी रंगदारी

पटना में आतंक का पर्याय बन चुका मुचकुन जब दसवीं की पढ़ाई कर रहा था तभी किसी बात को लेकर एक छात्र की बेरहमी से पिटाई कर दी थी। तभी से वे अपराध के दलदल में आ गया था।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 01:13 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 01:13 PM (IST)
मुचकुन एनकाउंटर: इंजीनियर बहन के कुख्यात भाई को फोन पर मिलती थी रंगदारी
मुचकुन एनकाउंटर: इंजीनियर बहन के कुख्यात भाई को फोन पर मिलती थी रंगदारी

पटना, जेएनएन। कुख्यात मुचकुन नौबतपुर के चेचौल निवासी नरेन्द्र कुमार का एकलौता लड़का था। उसकी एक बहन पुणे में इंजीनियर है। मुचकुन जब दसवीं की पढ़ाई कर रहा था तभी किसी बात को लेकर एक छात्र की बेरहमी से पिटाई कर दी थी। इसके बाद से यह पढ़ाई से दूर हो गया और अपराध की दलदल में फंस गया। मुचकुन पहले नौबतपुर के कुख्यात बदमाश मनोज सिंह गिरोह का गुर्गा था। इसे डॉन बनने का शौक था। यह चर्चा में तब आया जब वर्ष 2015 में नौबतपुर में बीच चौक पर कुख्यात लुलन शर्मा को गोलियों से छलनी कर दिया। मुनचुन ने लूलन के शरीर में पिस्टल की सारी गोलियां उतार दी और हथियार लहारते हुए खुद को इलाके का डॉन बताने लगा।

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लूलन की हत्या के बाद बाजार पर कर लिया कब्जा

लूलन की पत्नी जिला पार्षद थी। उसकी हत्या के पीछे उसका सिर्फ एक ही उद्देश्य था पूरे बाजार का ठेका लेना। लूलन की हत्या के बाद मुचकुन ने अपने पिता के नाम पर नौबतपुर बाजार का ठेका लिया। इसके बाद मुचकुन मनोज के गैंग से अलग हो गया और खुद का गैंग बना लिया। लूलन की हत्या के बाद इसके नाम से व्यापारियों में इतना खौफ हो गया कि फोन पर उसके नाम से रंगदारी मिलने लगी। जनवरी 2017 में शिवम मिष्ठान के दुकानदार ने उसे रंगदारी मांगी। इसी साल मुचकुन ने 20 जून को नौबतपुर के चर्चित दवा कारोबारी प्रदीप उर्फ दीपू की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया था। घटना के बाद मुचकुन ने नौबतपुर में कपड़ा कारोबारी, दवा दुकानदार, बिहटा में आरा मशीन मालिक सहित दर्जन भर से अधिक रंगदारी मांगी। सिकरौल निवासी पैक्स अध्यक्ष बड़कुन की हत्या, खगौल के लेखानगर में विपुल नामक अपराधी की हत्या, भेलुरा रामपुर में विशाल उर्फ शिबू की हत्या आदि में भी मुचकुन का नाम आया।

कुर्की के बाद पिता को पुलिस ने किया गिरफ्तार

नौबतपुर दवा कारोबारी प्रदीप कुमार उर्फ दीप की हत्या के बाद व्यापारियों ने खूब विरोध किया। व्यापारियों को भरोसा दिलाने के लिए पुलिस ने उसके घर की कुर्की जब्ती के लिए पहुंच गई। इस दौरान उसके पिता को आर्म्स के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मुचकुन के पिता अभी भी जेल में हैं।

सरपंच की हत्या की ली थी सुपारी, हुई थी मुठभेड़

दुल्हिन बाजार: सबसे कम उम्र का सरपंच सह दुल्हिन बाजार प्रखंड अंतर्गत उलार सोरंगपुर पंचायत के सरपंच रजनीकांत शर्मा के हत्या की सुपारी भी मुचकुन ने ही ली थी। छह दिन पूर्व ही दुल्हिन बाजार में बाडीचक मुचकुन गिरोह से पुलिस की मुठभेड़ हुई थी, इसमें पुलिस ने उसके साथी दीपू को गिरफ्तार कर लिया था, जो उसका पड़ोसी था।

पुलिस के हाथों में मारे जा चुके नौबतपुर के चार बदमाश

पुलिस की मुठभेड़ में मारे जाने वाला नौबतपुर के चेचौल निवासी मुचकुन कोई पहला बदमाश नहीं है। इसके पूर्व भी चेचौल के तीन बदमाश पुलिस की गोलियों के शिकार हो चुके हैं। इसके सरोज सिंह, पुन्नू कुमार और मनोज कुमार का नाम शामिल है। हालांकि बताया जाता है कि पुन्नू और मनोज की मौत पुलिस अभिरक्षा में पिटाई को हुई थी, जिसके बाद बवाल मच गया था। मामले को मानवाधिकार विभाग ने संज्ञान लिया था। उसमें एक एसआई निलंबित भी हुये थे।

पहले गिरफ्तारी की चर्चा, कुछ देर बाद मुठभेड़

सिपाही मुकेश के शहीद होने के बाद मुचकुन और उसके साथी उज्ज्वल की तलाश में पटना पुलिस और एसटीएफ दोनों जुटी थी। इसी बीच बुधवार की देर शाम करीब छह बजे मुचकुन और उज्जवल की गिरफ्तारी का चर्चा होने लगी। इसके कुछ घंटे बाद ही मुठभेड़ में मुचकुन के मारे जाने की खबर आग की तरह फैल गई।


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