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बिहार चुनाव : पटना की इन सीटों पर कांटे की टक्कर

अगर आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले चुनावों में बिक्रम की सीट को छोड़ पटना की चौदह सीटों पर कहीं कांटे का मुकाबला नहीं था। ज्यादातर सीटों पर काफी मतों के अंतर से जीत हुई थी। पर इस बार स्थितियां थोड़ी अलग हैं। कई सीटों पर कांटे का मुकाबला है।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2015 11:14 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2015 01:31 PM (IST)
बिहार चुनाव : पटना की इन सीटों पर कांटे की टक्कर

पटना। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले चुनावों में बिक्रम की सीट को छोड़ पटना की चौदह सीटों पर कहीं कांटे का मुकाबला नहीं था। ज्यादातर सीटों पर काफी मतों के अंतर से जीत हुई थी। पर इस बार स्थितियां थोड़ी अलग हैं। कई सीटों पर कांटे का मुकाबला है। महागठबंधन और एनडीए दोनों के लोगों को इसका एहसास है। यही वजह है कि कुछ सीटों पर अभी ठोस तरीके से दावे नहीं किए जा रहे।

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दीघा

पिछले विधानसभा चुनाव में दीघा विधानसभा क्षेत्र से जदयू की पूनम देवी को जीत मिली थी। दूसरे नंबर पर लोजपा प्रत्याशी डा. सत्यानंद शर्मा थे। चुनावों में मात्र 38.31 प्रतिशत वोट पड़े थे। इनमें 62.03 प्रतिशत वोट पूनम देवी को और दूसरे नंबर पर रहे डा. सत्यानंद शर्मा को मात्र 15.87 प्रतिशत वोट मिले। पूनम देवी को 81, 247 और डा. सत्यानंद शर्मा को 20,785 वोट मिले थे। इस बार जदयू ने यहां से राजीव रंजन प्रसाद और एनडीए ने भाजपा के टिकट पर संजीव चौरसिया को मैदान में उतारा है। कड़े मुकाबले की स्थिति है दीघा में। वैसे इस बार वोटिंग के प्रतिशत के बढऩे की भी उम्मीद है।

मोकामा

मोकामा में पिछले चुनाव में 54 प्रतिशत मतदान हुआ था। जदयू की टिकट पर जीते अनंत सिंह को 44.06 प्रतिशत और दूसरे नंबर पर रहीं सोनम देवी को 36.43 प्रतिशत वोट मिले थे। मोकामा में इस बार महागठबंधन ने नीरज कुमार और एनडीए ने लोजपा के टिकट पर कन्हैया सिंह को उतारा है। अनंत सिंह और ललन सिंह निर्दलीय मैदान हैं। ऐसे में यहां जीत के अंतर का प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में कम रहने की उम्मीद है क्योंकि वोटों के डिवीजन पर भी चर्चा खूब है।

बाढ़

बाढ़ में पिछले चुनाव में ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू जदयू के टिकट पर राजद के उम्मीदवार विजय कृष्ण से बड़े अंतर से जीते थे। ज्ञानू को 47.01 प्रतिशत और विजय कृष्ण को 29.85 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार ज्ञानू भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं और उनके मुकाबले मनोज कुमार जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। एक कोण बसपा प्रत्याशी रवींद्र पासवान का भी है। ऐसे में जो भी जीतेगा मतों का फासला काफी कम होगा।

बख्तियारपुर

बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में पिछली बार 55.87 प्रतिशत मतदान हुआ था। राजद के अनिरुद्ध यादव को सफलता मिली थी। उन्हें 46.60 प्रतिशत वोट मिला था और दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के विनोद यादव को 33.58 प्रतिशत वोट मिले थे। महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में पुन: राजद के टिकट पर अनिरुद्ध यादव मैदान में हैं। भाजपा ने यहां से अपने प्रत्याशी को बदल दिया है। रणविजय सिंह भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। अखिलेश कुमार बसपा के टिकट पर मैदान में हैं। यहां मुकाबला कांटे का है।

बांकीपुर

पटना के शहरी विधानसभा क्षेत्र बांकीपुर में पिछली बार एकतरफा मुकाबला था। भाजपा के टिकट से जीते नितिन नवीन को डाले गए कुल वोट का 72.06 प्रतिशत मिला था। दूसरे नंबर पर राजद के विनोद श्रीवास्तव को 16.46 प्रतिशत और तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के दुर्गा प्रसाद को 5.51 प्रतिशत वोट आए थे। गौरतलब यह भी है कि मतदान सिर्फ 36.96 प्रतिशत था। इस बार पुन: नितिन नवीन भाजपा की टिकट पर मैदान में हैं और उनके मुकाबले महागठबंध ने कांग्रेस की टिकट पर कुमार आशीष को उतारा है।

कुम्हरार

पिछले विधानसभा चुनाव में कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र में भी मुकाबला एकतरफा था। वोटिंग वैसे तो मात्र 37.33 प्रतिशत हुई थी पर इसमें भाजपा के टिकट पर जीते अरुण कुमार सिन्हा की हिस्सेदारी 72.04 प्रतिशत की थी। दूसरे नंबर पर रहे लोजपा प्रत्याशी कमाल परवेज को 13.49 प्रतिशत और कांग्रेस प्रत्याशी कपिलदेव यादव को 7.99 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार पुन: एनडीए से भाजपा के टिकट पर अरुण कुमार सिन्हा मैदान में हैं। महागठबंधन ने इस बार कांग्रेस को यह सीट दी है। अकील हैदर कांग्रेस की टिकट पर मैदान में हैं।

पटना साहिब

पटना साहिब सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में नंदकिशोर यादव एकतरफा मुकाबले में जीते थे। कुल 45.86 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसमें नंदकिशोर यादव की हिस्सेदारी 68.07 प्रतिशत थी। दूसरे नंबर पर रहे परवेज अहमद को 19.42 प्रतिशत वोट आए थे। महागठबंधन ने संतोष मेहता को अपना प्रत्याशी बनाया है और एक कोण माले प्रत्याशी अजय कुमार का भी है। यहां भी मुकाबला दिख रहा इस बार।

फतुहा

फतुहा में पिछले चुनाव में राजद के रामानंद यादव की जीत हुई थी। वोटिंग 56 प्रतिशत हुई थी और 44.93 प्रतिशत वोट रामानंद यादव को मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे जदयू के अजय कुमार सिंह को 36.29 प्रतिशत वोट आए। इस बार फतुहा में मुकाबला कांटे का हो गया है। एनडीए ने लोजपा के टिकट पर सत्येंद्र सिंह को उतारा है जबकि महागठबंधन से राजद की टिकट पर रामानंद फिर से मैदान में हैं। दोनों गठबंधनों के समर्थकों की गोलबंदी बड़े पैमाने पर है।

दानापुर

दानापुर में भी पिछला विधानसभा चुनाव भी लगभग मुकाबले का था। निर्दलीय प्रत्याशी रीतलाल राय ने चुनाव को मुकाबले का बनाया था। उन्हें 33.19 प्रतिशत वोट मिले थे और भाजपा के टिकट से जीतीं आशा देवी को 47.52 प्रतिशत। राजद के प्रत्याशी सच्चिदानंद राय को 9.19 प्रतिशत वोट आए थे। भाजपा से पुन: आशा देवी मैदान में हैं। रीतलाल यादव ने अपने भाई टिंकू यादव को मैदान को निर्दलीय उतारा हुआ है। महागठबंधन से राजद की टिकट पर राजकिशोर प्रसाद हैं।

मनेर

मनेर में दिलचस्प मुकाबला है। प्रतिद्वंद्वी फिर आमने-सामने हैं। राजद से पिछली बार जीते भाई वीरेंद्र को 55.76 प्रतिशत मतदान में 43.69 वोटों पर हिस्सेदारी थी और जदयू के टिकट से लड़े श्रीकांत निराला दूसरे नंबर पर थे। उन्हें 36.43 प्रतिशत वोट मिला था। राजद के टिकट पर पुन: भाई वीरेंद्र यहां है और उनके सामने इस बार श्रीकांत निराला भाजपा प्रत्याशी के रूप में हैं।

फुलवारीशरीफ

फुलवारीशरीफ से श्याम रजक महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में फिर से जदयू की टिकट पर मैदान में हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां 54.75 प्रतिशत वोट पड़ा था और श्याम रजक को 49.75 प्रतिशत वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे राजद के उदय मांझी को 34.11 प्रतिशत वोट मिले थे। उदय मांझी इस बार सपा की टिकट पर मैदान में हैं। एनडीए की टिकट पर हम से राजेश्वर मांझी हैं। मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।

मसौढ़ी

मसौढ़ी की सीट पर पिछली बार जदयू के अरुण मांझी को सफलता मिली थी। कुल 52.15 प्रतिशत वोट पड़े थे जिसमें 39.94 प्रतिशत अरुण मांझी को और दूसरे नंबर पर रहे अनिल कुमार को 36.41 प्रतिशत मत आए थे। इस बार महागठबंधन में यह सीट राजद को मिली है। रेखा देवी राजद की टिकट पर और एनडीए से हम की टिकट पर जिला परिषद अध्यक्ष रहीं नूतन पासवान मैदान में हैं।

पालीगंज

पालीगंज की भाजपा विधायक उषा विद्यार्थी ने पिछला चुनाव लगभग एकतरफा मुकाबले में जीता था। मात्र 49.99 प्रतिशत मतदान हुआ था और उसमें उन्हें 37.70 प्रतिशत वोट आए थे। दूसरे नंबर पर रहे राजद के जयवद्र्धन यादव को 28.86 प्रतिशत वोट मिला था। भाजपा ने इस बार उषा विद्यार्थी की जगह रामजन्म शर्मा को टिकट दिया है और राजद ने जयवद्र्धन को फिर से मैदान में उतारा है।

बिक्रम

बिक्रम में पिछला चुनाव कांटे का था। वोट 55.93 प्रतिशत डाले गए थे। भाजपा के टिकट से जीते अनिल कुमार को 29.57 प्रतिशत और दूसरे नंबर पर थे लोजपा की टिकट पर चुनाव लडऩे वाले सिद्धार्थ। सिद्धार्थ को 27.79 प्रतिशत वोट आया था। अनिल पुन: इस बार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं और सिद्धार्थ इस बार महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां भी कांटे की टक्कर है।


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