बिहारः शिक्षकों की बहाली को लेकर कोर्ट के फैसले पर बोले शिक्षा मंत्री, दो से तीन माह में नियुक्ति प्रक्रिया होगी पूरी
पटना हाईकोर्ट द्वारा सवा लाख शिक्षकों के नियुक्ति पर लगी रोक हटाए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दैनिक जागरण को बताया कि शिक्षक नियुक्ति में दिव्यांग अभ्यर्थियों को 4% आरक्षण का प्रावधान सरकार की प्राथमिकता में रहा है।
राजीव ब्यूरो पटना। पटना हाईकोर्ट द्वारा सवा लाख शिक्षकों के नियुक्ति पर लगी रोक हटाए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दैनिक जागरण को बताया कि शिक्षक नियुक्ति में दिव्यांग अभ्यर्थियों को 4% आरक्षण का प्रावधान सरकार की प्राथमिकता में रहा है। न्यायालय ने छूटे दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन करने के लिए 15 दिनों का समय देने का आदेश सरकार को दिया है। इस आदेश का सम्मान करते हैं और तीन दिनों के अंदर विज्ञापन निकाल कर छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने और उन्हें आवेदन के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से शिड्यूल निकाला जाएगा जो सभी
नियोजन इकाइयों को जारी होगा। इसके लिए विभाग को शिडयूल तैयार कर जारी करने का निर्देश दिया है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि न्यायालय के आदेश के आलोक में विधिवत नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाएगी। दिव्यांग शिक्षकों की भी मेरिट लिस्ट बनेगी। इसके बाद सवा लाख प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति 2 से 3 माह के अंदर पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि न्यायालय के आदेश के आलोक में दिव्यांग शिक्षक अभ्यर्थियों को 4 फीसद आरक्षण को पूरी पारदर्शिता और प्रभावी तरीके से सरकार लागू करेगी। इस संबंध में संबंधित अफसरों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया गया है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए पिछले डेढ़-दो साल से नियुक्ति प्रक्रिया अटकी हुई थी। उन्होंने बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान ही यह घोषणा की थी कि न्यायालय के आदेश के आलोक में सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। उन्होंने बताया कि करोना महामारी में भी न्यायालय से महाधिवक्ता के माध्यम से सरकार शिक्षक नियुक्ति से संबंधित सभी पक्ष पूरी पारदर्शिता के साथ रख रही थी। सरकार की ओर से न्यायालय से यह अनुरोध किया गया कि शिक्षक नियुक्ति से जुड़े तमाम अभ्यर्थी सड़क पर हैं और सरकार उन्हें जल्द से जल्द नियुक्ति करना चाहती है क्योंकि शिक्षक अभ्यर्थी सड़क पर हैं यह सरकार के लिए भी पीड़ादायक है।