शिक्षा ही सामाजिक बदलाव का सबसे बड़ा औजार : ब्रदर माइक
शिक्षा ही सामाजिक बदलाव का सबसे बड़ा औजार है।
पटना। शिक्षा ही सामाजिक बदलाव का सबसे बड़ा औजार है। अगर समाज को शिक्षित कर दिया जाए तो पिछड़ा समाज भी तेजी से आगे निकल सकता है। जब तक शिक्षा की रोशनी समाज के अंतिम पायदान तक नहीं पहुंचेगी, समाज का सही तरीके से विकास नहीं हो सकता है। ये बातें रविवार को लोयाला मांटफोर्ट मांटेसरी होम के वार्षिक समारोह में रांची प्रोविंस के प्रोविंशियल सुपीरियर ब्रदर हरमन विजय लकड़ा ने कहीं।
मौके पर आए अतिथियों का स्वागत करते हुए स्कूल के प्राचार्य ब्रदर माइक ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कार देना बहुत जरूरी है। वर्तमान में शिक्षा से जुड़े संस्थानों को विचार करने की जरूरत है कि जो शिक्षा बच्चों को प्रदान की जा रही है, वह समाज को किस दिशा में ले जा रही है। उसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। बच्चों को केवल शिक्षा प्रदान करने से ही शिक्षकों एवं अभिभावकों की भूमिका खत्म नहीं हो जाती है। सभ्य समाज के निर्माण के लिए सभी को अपना योगदान देना होगा। इस अवसर पर डॉ. अजय आलोक ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में ईसाई समाज द्वारा काफी योगदान दिया जा रहा है। खासकर राजधानी में बड़े विद्यालयों का संचालन उनमें प्रमुख है। बच्चों ने मचाया खूब धमाल
स्कूल के वार्षिक समारोह में बच्चों ने प्रार्थना नृत्य से अभिभावकों एवं शिक्षकों का स्वागत किया तो सभी ने तालियों की गड़गड़ाहट से बच्चों का उत्साहवर्द्धन किया। इसके बाद बच्चों ने रेन डांस पर अभिभावकों को खूब झुमाया। फिर बारी आई राष्ट्रभक्ति कार्यक्रम की। बच्चों ने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक की झलक दिखाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच पर बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित मदर अर्थ कार्यक्रम प्रस्तुत किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल की शिक्षिका जिंग, ज्योति, श्वेता, मनीषा, रंजना, संध्या, मिशैल, जोएस, रश्मि एवं लता ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।