नोटबंदी के दौरान जमा पैसों का नहीं दिया हिसाब, जब्त होगी करोड़ों की संपत्ति
नोटबंदी के दौरान कालेधन को सफेद बनाने के मामले में ईडी ने पहली बार बिहार के दो व्यवसायियों की 1.53 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी कर दिया है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। नोटबंदी के दौरान कालेधन को सफेद बनाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार के दो व्यवसायियों की 1.53 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी कर दिया है।
बता दें कि बिहार में नोटबंदी के बाद यह पहला मौका है जब ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत किसी की संपत्ति जब्त की जाएगी। नोटबंदी के बाद मुजफ्फरपुर की मां तारा एजेंसी के मालिक राजेश अग्रवाल ने 1.46 करोड़ रुपये और दिल्ली में मेसर्स हरिकृपा के मालिक आरके गुप्ता ने 82.51 लाख रुपये की नकदी बेनामी बैंक खातों में जमा कराई थी।
ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये दोनों मामले गया के बैंक ऑफ इंडिया की जीबी रोड शाखा से संबंधित हैं। नोटबंदी के बाद गया के बैंक आफ इंडिया में बेनामी खातों में करोड़ों रुपये के एक हजार व पांच सौ के नोट जमा कराए गए थे। ईडी सूत्रों ने बताया कि जब्त होने वाली संपत्ति में मुजफ्फरपुर में दो फ्लैट और एक भव्य मकान के साथ-साथ बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थानों में जमा व निवेश की नकदी शामिल हैं।
बता दें कि नोटबंदी के दौरान ईडी को आयकर विभाग से जानकारी मिली थी कि इन दोनों व्यवसायियों ने अपने कर्मचारियों के नाम फर्जी बैंक खाता खुलवाकर करोड़ों रुपये के पांच सौ व हजार के नोट जमा कराए हैं। तब ईडी ने इन संदिग्ध व बेनामी बैंक खातों की जांच शुरू कर दी।
जांच में ईडी की टीम ने पाया कि जिन कर्मचारियों के नाम पर यह नकदी जमा कराई गई है, उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी तक नहीं है। बाद में दोनों व्यवसायी बैंक में जमा कराई गई रकम में से 1.53 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं बता पाए। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में गया के बैंक ऑफ इंडिया की जीबी रोड शाखा के कई कर्मचारियों व अधिकारियों की भूमिका भी जांच की जा रही है।