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किसानों के धरे रह गए अरमान, बेटियों के हाथों की मेहंदी उड़ा ले गया धान!

बिहार के किसान धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। किसी को अपनी बेटी की शादी करनी है तो किसी को बच्चों की फीस का भुगतान करना है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 02:40 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 09:20 PM (IST)
किसानों के धरे रह गए अरमान, बेटियों के हाथों की मेहंदी उड़ा ले गया धान!

पटना, कौशलेन्द्र कुमार। धान बिके तो बेटी के हाथ पीले हों। पैसों के अभाव में ना बेटे-बेटियों की शादी हो पा रही, ना बच्चों की फीस का भुगतान और बुजुर्गों की दवाई। सोलह तारीख से खरमास की शुरुआत हो जाएगी। अब तो अगले साल मकर संक्राति के बाद ही अच्छे दिन आएंगे। यह रोना है धान के किसानों का, सरकारी खरीद शुरू न होने से उनके समक्ष आर्थिक संकट की स्थिति है। किसान औने-पौने दाम दलालों को खून-पसीने की कमाई नहीं बेचना चाहते। 

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बोले किसान

पटना जिले के नौबतपुर प्रखंड के पाली गांव निवासी विजय शर्मा को भतीजी की शादी की तारीख धान ना बिकने से टालनी पड़ी है। वहीं इसी प्रखंड के सेल्हौरी निवासी मनोज कुमार विमल अपने बच्चों का कोचिंग में दाखिला नहीं करा पा रहे हैं।

कहते हैं कि सरकारी खरीद पंद्रह नवंबर से करने की की घोषणा हुई थी, मगर अभी तक कुछ नहीं हुआ। फसल खलिहान में बिक्री की बाट जोह रही है। यही हाल बिक्रम प्रखंड के निसरपुरा निवासी सियाराम शर्मा का है। खुद और पत्नी भी बीमार है। दवाई के लिए पैसे नहीं हैं। धान बेचने के लिए खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। 

दलाल सक्रिय

बहरहाल, धान की खरीद शुरू नहीं होने से बिचौलियों की चांदी हो गई है। जरूरतमंद बिचौलियों के हाथों अपनी उपज को औने-पौने दाम पर बेचने को विवश हैं। नौबतपुर प्रखंड की चेसी पंचायत के पैक्स अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि पिछले साल 30 नवंबर को ही धान खरीद के लिए पैक्स के खाते में पैसे आ गए थे। एक दिसंबर से खरीदारी शुरू हो गई थी, परंतु इस बार अब तक पैक्स के खाते में पैसे नहीं आए हैं। खरीद के लिए कोई दिशा-निर्देश भी जारी नहीं किया गया है। 

जल्द शुरू होगी खरीदारी

पटना के डीएम कुमार रवि ने कहा कि एक सप्ताह में सभी पैक्स के खाते में पैसे चले जाएंगे और खरीदारी शुरू हो जाएगी। अभी लेट नहीं है। धान में अभी भी नमी 22 से 24 प्रतिशत तक है। 

इस बार खाते में जाएगा पैसा 

इस बार किसानों के खाते में सीधे पैसा चला जाएगा। इससे पहले किसानों को चेक दिया जाता था। 1750 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद की जाएगी। इसके लिए 17 प्रतिशत नमी होने का मानक तय है।  


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