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राजगीर जू सफारी में आए शेर और बाघ; गया, बेगूसराय, रोहतास और कैमूर में इको टूरिज्‍म के लिए बनी योजना

Eco Tourism in Bihar राजगीर के जू सफारी में आ गए शेर बाघ पहले से ही मौजूद डुंगेश्वरी पहाड़ से जुड़ी भगवान बुद्ध की स्मृतियां भी बनेंगी इको टूरिज्म का हिस्सा गया के ब्रह्मïयोनि प्रेतशिला व रामशिला पहाड़ के समीप भी इको टूरिज्म प्वाइंट

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 06:52 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 06:52 AM (IST)
राजगीर जू सफारी में आए शेर और बाघ; गया, बेगूसराय, रोहतास और कैमूर में इको टूरिज्‍म के लिए बनी योजना
राजगीर जू सफारी में देखने को मिलेंगे शेर। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Tourism in Bihar: इको टूरिज्म (Eco Tourism) की व्यवस्था को संस्थागत स्वरूप प्रदान किए जाने को ले पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने इसका ढांचा तैयार करना शुरू कर दिया है। कई नए स्थलों को भी इको टूरिज्म के मानचित्र पर लाए जाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर तय हुआ है कि इको टूरिज्म को प्रोन्नत करने के लिए अलग से कोई बोर्ड, निगम या फिर एसपीवी नहीं बनेगा। विभाग के अंदर ही एक विंग बनेगा। वहां हर स्तर के अधिकारी को तैनात किया जाएगा। वहीं राजगीर के बाद अब गया को भी इको टूरिज्म के मानचित्र पर लाने की तैयारी चल रही है। भगवान बुद्ध की स्मृतियों को भी इको टूरिज्म के माध्यम से संजोया जाएगा। इको टूरिज्‍म के एक और ठिकाने राजगीर में जल्‍द ही शेर का दीदार करने का मौका मिलेगा। यहां बाघ और भालू जैसे जानवर पहले ही लाए जा चुके हैं।

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डुंगेश्वरी पहाड़ पर बुद्ध ने बिताए थे छह साल

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के आला अधिकारी का कहना है कि गया के डुंगेश्वरी पर्वत को भी इको टूरिज्म के लिहाज से विकसित किया जा रहा। वहां पर्याप्त जगह भी है। पर्वत के पास सुजाता गांव है। सुजाता ने भगवान बुद्ध को खीर खिलाई थी। यहां बुद्ध की प्रतिमा भी है। इसके अतिरिक्त गया के ब्रह्मïयोनि, प्रेतशिला व रामशिला पर्वत को भी इको टूरिज्म की दृष्टि से विकसित किया जा रहा।

50 से अधिक छोटे-बड़े स्पाट होंगे इको टूरिज्म के लिए

इको टूरिज्म मैप पर बिहार के 50 से अधिक छोटे-बड़े जगहों को जगह मिलेगी। वाल्मीकिनगर पहले से है। इसके अतिरिक्त जमुई में नागा नकटी पक्षी विहार, बेगूसराय का कांवर झील, रोहतास व कैमूर के कई मनोरम स्थल, मुंगेर, भागलपुर का गरुड़ संरक्षण केंद्र, गया का नगर वाटिका, अररिया व कटिहार आदि इको टूरिज्म के लिहाज से बड़े स्पाट हैं।

राजगीर जू सफारी अगले माह शुरू करने की तैयारी

हाल के दिनों में इको टूरिज्म के बड़े केंद्र के रूप में विकसित हुआ है राजगीर। राजगीर नेचर सफारी के बाद अब जू सफारी को अगले माह शुरू किए जाने की तैयारी है। गुजरात से छह शेर रविवार को राजगीर पहुंच गए। वहां से दो शेर को पटना चिड़‍ियाघर लाया जाएगा।


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