एनएमसीएच में एक माह से डायलिसिस बंद
पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पातल में आने वाले मरीजों का डायलिसिस यानी रक्त शोधन नह
पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पातल में आने वाले मरीजों का डायलिसिस यानी रक्त शोधन नहीं हो रहा है। यहां के औषधि विभाग में लगी डायलिसिस मशीन करीब एक महीने से बंद पड़ी है। महज इसका डिस्प्ले खराब है। इस मौके का भरपूर फायदा अस्पताल परिसर में निजी कंपनी द्वारा पीपी मोड पर चलायी जा रही डायलिसिस यूनिट को मिल रहा है। अस्पताल में सक्रिय दलाल भी मरीजों को अपने झांसे में लेकर लाखों का कारोबार यहां कर रहे हैं।
चिकित्सक ने बताया कि जिस मरीज का गुर्दा सही से काम नहीं करता है, मधुमेह की पुरानी शिकायत रहती है या फिर उच्च रक्तचाप रहता है उसे डायलिसिस की आवश्यकता पड़ती है। मामूली सी गड़बड़ी के कारण डायलिसिस मशीन के काम न करने पर चिकित्सकों ने चिंता जताई है। इनका कहना है कि डायलिसिस के दौरान मरीज का विवरण मॉनीटर पर प्रदर्शित नहीं हो पा रहा है।
मरीजों का कहना है कि डायलिसिस के लिए एक महीने से अस्पताल का चक्कर काटने के बाद विवश होकर पीपी मोड पर रुपए देकर जांच करानी पड़ी। बाहर के जांच घरों में डायलिसिस कराने के लिए दलाल मरीजों व परिजनों को कई तरह का प्रलोभन देते हैं।
अधीक्षक डॉ. आनंद प्रसाद सिंह एक माह से डायलिसिस खराब रहने की खबर सुनकर चौक गए। उन्होंने तत्काल विभागाध्यक्ष से पूरी जानकारी लिया। विभागाध्यक्ष डॉ. उमा शंकर प्रसाद का कहना है कि मशीन में खराबी आने की सूचना अधीक्षक को दी गई है।