आठ साल से चांदी की तस्करी में शामिल है सुधीर यादव
-बरामद चांदी के बर्तनों पर सेल्स टैक्स लगा सकता 1.62 लाख जुर्माना -आयकर विभाग भी खंगाल रही है सुधीर समेत अन्य तस्करों की कुंडली ------------ जागरण संवाददाता पटना
पटना । पटना जंक्शन पर शनिवार को पकड़े गए 27 लाख के चांदी के बर्तनों के मामले में रिसीवर सुधीर कुमार यादव की तलाश में आरपीएफ की टीम ने सघन छापेमारी की। कई ठिकानों पर छापेमारी के बाद भी वह हत्थे नहीं चढ़ा। आरपीएफ अधिकारियों की मानें तो सुधीर पिछले आठ साल से चांदी की तस्करी में लगा है। उसके साथ चार अन्य तस्कर भी आरपीएफ के रडार पर हैं। पूर्व-मध्य रेल के मुख्य सुरक्षा आयुक्त एस. मयंक खुद ही मामले पर नजर रख रहे हैं। बरामद चांदी को जर्मन सिल्वर करार देने की कवायद चल रही है। इससे बरामद माल कम कीमत का हो जाएगा।
आरपीएफ अधिकारियों की मानें तो लीज वैन से न केवल चांदी के बर्तन लाए जा रहे, बल्कि धड़ल्ले से गुटखा व दवाओं की बड़ी खेप भी आ रही है। बड़ी बात तो यह है कि इसके लिए पैसे भी ट्रेनों के कर्मचारियों के मार्फत ही भेजे जा रहे हैं। वहीं, चांदी की तस्करी के मामले की जांच अब अकेले आरपीएफ नहीं, बल्कि आयकर व व्यापार कर के अधिकारी भी कर रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो बरामद चांदी के बर्तनों का अगर व्यापारी ने सही कागजात नहीं प्रस्तुत किया तो उस पर 1.62 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लग सकता है। हालांकि, जांच के बाद पेनॉल्टी बढ़ सकती है। वहीं, कागजात प्रस्तुत न करने पर आयकर विभाग 70 फीसद जुर्माना वसूल सकता है। कागजात प्रस्तुत करने पर 30 फीसद तक जुर्माना लगेगा। अब आयकर व सेल्स टैक्स विभाग भी ट्रेनों की लीज ब्रेक वैन पर नजर रखेगी। विभाग को चांदी की तस्करी में संलिप्त चार अन्य व्यापारियों के नाम भी मिले हैं। दीपावली के पहले इनके द्वारा बड़े पैमाने पर चांदी की तस्करी की जाएगी। यही पांच तस्कर हैं, जो राजधानी ही नहीं, सूबे के अधिकांश दुकानदारों को चांदी के जेवर की आपूर्ति करते आ रहे हैं। आयकर विभाग की टीम पांचों तस्करों की कुंडली खंगाल रही है। उनके आयकर रिटर्न को भी खंगाला जा रहा है। आरपीएफ व जीआरपी को आशंका है कि लीज ब्रेक से शराब की खेप भी लाई जा रही है।