नशेड़ी हवलदार ने पहले बेटी को मारी गोली, फिर लाश लेकर पहुंच गया अस्पताल
पटना में स्पेशल ब्रांच के हवलदार विजय नट ने सोमवार को नशे में धुत होकर अपनी बेटी की कनपटी पर गोली मार उसे मौत के घाट उतार दिया।
पटना, जेएनएन। बिहार में कैसी शराबबंदी है। ट्रेन में बोतलें मिलती हैं। अस्पताल में पीकर कर्मचारी नाचते हैं, और अब पुलिस भी नशे में घूम रही है। सोमवार की शाम पटना की घटी एक घटना शराबबंदी का स्याह सच बयां करती है। स्पेशल ब्रांच के हवलदार विजय नट ने नशे में अपनी डेढ़ साल की बेटी को कनपटी पर सटाकर सरकारी पिस्टल से गोली मार दी। बेटी के सिर से दूसरी तरफ निकलकर गोली हवलदारर की पत्नी के हाथ में जा लगी। इसके बाद मर चुकी लहूलुहान बेटी को नशेड़ी हवलदा खुद की अॉटो से अस्पताल लेकर चला गया। जहां डॉक्टरों के बेटी को मृत घोषित करने पर वो लाश छोड़कर फरार हो गया। वारदात जक्कनपुर थाना क्षेत्र के सीआइडी क्लब गली की है। हवलदार इनलैंड वाटर वेज ऑथोरिटी ऑफ इंडिया में इंजीनियर संजय कुमार के मकान में पिछले डेढ़ साल से किराएदार है।
ड्यूटी पर जाने को ले शुरू हुआ विवाद
पूजा ने बताया कि पति विजय कई दिनों से छुट्टी पर थे। सोमवार की सुबह ड्यूटी पर जाने की बात कहकर घर से निकले मगर एक-दो घंटे बाद ही लौट आए। इसके बाद चिरैयाटांड में रहने वाले भाई गोधन नट के घर जाने की बात कहकर चले गए। गोधन भी बिहार पुलिस में हवलदार हैं। पूजा ने बताया कि विजय दोपहर पौने चार बजे दोबारा घर आए तो शराब के नशे में चूर थे। उस समय वह बेटी निशा को गोद में ले पलंग पर बैठकर टीवी देख रही थी। जब पूजा ने टोका कि ड्यूटी नहीं जाना है, शराब पीकर क्यों आ गए? तो विजय आग-बबूला हो गया और उसने कमर से पिस्टल निकालकर बड़ी बेटी मुस्कान (16 वर्ष) की कनपटी पर तान दिया। मुस्कान वहां से भाग गई।
पहले देता रहा धमकी, फिर किया फायर
मुस्कान के भागने पर विजय ने छोटी बेटी निशा (1.5 वर्ष) की कनपटी पर पिस्टल सटा दिया। वह बार-बार बोल रहा था- गोली मार दें। जब तक पूजा कुछ समझ पाती, तब तक विजय ने पिस्टल कॉक कर टिगर दबा दिया। गोली निशा के सिर को छेदते हुए पूजा के बाएं हाथ में लगी। घर से चिल्लाने और रोने की आवाजें आने लगीं। शोर मचता देख विजय ने पिस्टल कमर में खोसी और लहूलुहान बच्ची को गोद में उठाकर बाहर भागा। जांच में पुलिस को पता चला कि उसने गली के मोड़ से ऑटो बुक किया और बेटी को पीएमसीएच लेकर चला गया, जहां डॉक्टरों ने निशा को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने विजय की तलाश में पीएमसीएच का कोना-कोना छान मारा, लेकिन उसका कुछ अता-पता नहीं चला। कमरे की तलाशी के दौरान घटनास्थल से पुलिस को नाइन एमएम पिस्टल का खोखा मिला।