भाग्य के भरोसे बैठे रहने वाले इंसान को कुछ नहीं होता हासिल
प्रयास नाट्योत्सव के समापन के मौके पर कालिदास रंगालय दर्शकों की भीड़ से पटा रहा।
पटना। प्रयास नाट्योत्सव के समापन के मौके पर कालिदास रंगालय दर्शकों की भीड़ से पटा रहा। समापन के मौके पर जहां रंग निदेशक योगेश चंद्र श्रीवास्तव सम्मान से रंगकर्मी रवि भूषण मुकुल को सम्मानित किया गया है। वही रंगकर्मी महावीर सिंह आजाद सम्मान चित्रकार चित्रसेन अरुण को दिया गया। युवा रंगकर्मी आरके गोल्डी सम्मान कलाकार ओम प्रकाश को देकर सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के बाद प्रयास के बैनर तले बीके सर लिखित एवं रवि भूषण बबलू के निर्देशन में 'अपना-अपना भाग्य' का मंचन कलाकारों पेश कर दर्शकों को भाग्य के भरोसे नहीं बैठने का संदेश दिया। कजाकिस्तान की लोक कथा पर आधारित नाटक दर्शकों को पसंद आया। एक गांव में दो भाई ईवान और कादिर रहते थे। बड़ा भाई ईवान मेहनती होने के साथ वह अपने कर्म को प्रधान मानता था, जिसके कारण वह अच्छी फसल पैदा कर अपने परिवार के साथ जीवन बसर करता रहता है। वही दूसरी ओर उसका भाई कादिर आलसी होने के साथ निकम्मा होता है और वह भाग्य के भरोसे अपने जीवन को छोड़ देता है। कादिर एक दिन अपने भाग्य को खोजने निकलता है। जिसके दौरान उसे किसान की बेटी और राजकुमारी मिलती है। दोनों से कादिर को विवाह करने का अवसर मिलता है, लेकिन वह दोनों अवसर को छोड़कर आगे बढ़ जाता है। सफर के दौरान उसकी मुलाकात एक शेर से होती है जो पेट दर्द से परेशान होता है। शेर कादिर को खाना चाहता है लेकिन कादिर वहां से भाग निकलता है थोड़े समय बाद उसे एहसास होता है कि सबसे बड़ा भाग्य इंसान को जिंदा रहना है। क्योंकि जिंदा होने पर ही अपने भाग्य को बदल सकता है। मंच पर अभिषेक कुमार मल्लिक, विनिता सिंह, दीपक आनंद, रजनी शरण, हेमा राज, विनोद कुमार, वीणा गुप्ता, बबली कुमारी आदि ने अपने अभिनय से सभी का दिल जीता।