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गलतफहमी फैला देश न तोड़ें, हिंदू-मुस्लिम दोनों के लिए हो रहा विकास : रविशंकर प्रसाद

गलतफहमी फैलाकर देश को तोड़ने का प्रयास चल रहा है। ऐसे लोगों के मंसूबे सफल नही होंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 08:27 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 08:27 PM (IST)
गलतफहमी फैला देश न तोड़ें, हिंदू-मुस्लिम दोनों के लिए हो रहा विकास : रविशंकर प्रसाद
गलतफहमी फैला देश न तोड़ें, हिंदू-मुस्लिम दोनों के लिए हो रहा विकास : रविशंकर प्रसाद

पटना । गलतफहमी फैलाकर देश को तोड़ने का प्रयास चल रहा है। ऐसे लोगों के मंसूबे सफल नहीं होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हिंदू और मुस्लिम सहित सभी धर्म के लोगों के विकास का कार्य कर रही है। भारत को मजबूत बनाना है। अब्दुल हामिद मुस्लिम थे। उन्होंने 1965 की लड़ाई में पाकिस्तान के छह टैंकों को ध्वस्त कर दिया था। देश हिंदू- मुस्लिम सबके लिए है। आतंकवाद से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। केंद्रीय विधि एवं न्याय, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राजधानी में पोस्टल पार्क (किदवईपुरी पार्क) के लोकार्पण अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कहीं।

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प्रसाद ने कहा कि देश के आठ करोड़ लोगों को गैस का चूल्हा दिया गया। नौ करोड़ घरों में शौचालय का निर्माण किया गया। जबकि देश में आजादी के बाद से वर्तमान सरकार से पहले तक छह करोड़ शौचालयों का ही निर्माण हुआ था। गांव-गांव बिजली पहुंचाई गई। डिजिटल इंडिया के केंद्र 60 हजार से पौने चार लाख हो गए। 12 लाख लोगों को रोजगार मिला। यह लाभ हिंदू और मुस्लिम सहित सभी धर्म के लोगोंको मिला है। नागरिक संशोधन कानून लाकर अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान से भारत में 2014 के पहले आए शरणार्थियों को नागरिकता देनी है। इस्लामधर्म बहुल देश होने के कारण इन राष्ट्रों के इस्लाम धर्म के लोग शरणार्थी नहीं हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित अन्य नेता नागरिक संशोधन कानून के पक्षधर थे। कानून बन गया तो विरोध क्यों हो रहा है?

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के लागू होने के पहले से अनेक तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। इससे भारत में रहने वालों की नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अमेरिका, ब्रिटेन की तरह नागरिकों के बारे में विस्तृत जानकारियों का डाटा बैंक बन जाएगा। इसके आधार पर विकास योजना बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जेएनयू कुलपति को बंद करना, बीमार प्रोफेसर के लिए एंबुलेंस नहीं चलने देने जैसी निंदनीय घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। आजादी- आजादी का नारा लगाया जा रहा है। क्या जेएनयू आजाद नहीं है। हिन्दुस्तान को तोड़ने का अधिकार किसी को नहीं दिया जा सकता है।


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