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ये है बिहार: विदेशी को मधुबनी में कुत्ते ने काटा, सुई लगी पटना में

बिहार विधानसभा में सोमवार को चर्चा के दौरान कई रोचक बातें भी सामने आयीं। कहा कि एक विदेशी को मधुबनी में कुत्‍ते ने काटा और सुई पटना में लगी।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Tue, 06 Mar 2018 03:57 PM (IST)Updated: Wed, 07 Mar 2018 08:00 PM (IST)
ये है बिहार: विदेशी को मधुबनी में कुत्ते ने काटा, सुई लगी पटना में
ये है बिहार: विदेशी को मधुबनी में कुत्ते ने काटा, सुई लगी पटना में

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार विधानसभा में सोमवार को वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट पर हुई चर्चा के दौरान किस्म-किस्म के प्रसंग पर बाते हुईं। कई रोचक बातें भी सामने आयीं।

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चर्चा के आरंभ में राजद के डॉ रामानुज का नाम विधानसभा अध्यक्ष ने लिया, उस समय श्री प्रसाद सदन में पहुंचे ही नहीं थे। तुरंत राजद के ही समीर महासेठ का नाम लिया गया। समीर महासेठ ने मधुबनी के एक वाकये की चर्चा की। कहा कि- मधुबनी में एक आस्ट्रेलियन टीम आयी हुई थी। उसे एक कुत्ते ने काट लिया। आस्ट्रेलियन को मधुबनी स्थित अस्पताल में सुई दिलाने ले जाया गया। मधुबनी के सरकारी अस्पताल में कुत्ता काटने के बाद लगने वाली सुई नहीं थी। इसके बाद उसे दरभंगा ले जाया गया। दरभंगा में डीएमसीएच का हाल देख आस्ट्रेलियन ने सुई लेने से इंकार कर दिया। कहा, मैैं अगर यहां सुई ले लूंगा तो मुझे इनफेक्शन हो जाएगा। आखिरकार उसने पटना आकर सुई ली। यह स्थिति है सरकारी अस्पतालों की।

भाजपा के जीवेश कुमार ने कहा कि वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जब पथ निर्माण मंत्री का काम देख रहे थे तो एक सड़क को मेंटेनेंस पॉलिसी में लिए जाने के अनुरोध के साथ वह उनके पास गए। उक्त सड़क के आधे हिस्से को मेंटेनेंस पालिसी में शामिल कर लिया गया। जिस हिस्से को लिया गया वह राजद विधायक भोला यादव के क्षेत्र का था। मेरे क्षेत्र की सड़क को यूं ही छोड़ दिया गया।

जदयू के मेवालाल चौधरी ने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र के पोस्ट हार्वेस्ट नुकसान को कम किए जाने की बात कही गयी है। कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों में उत्पादन की दृष्टि से कई उपलब्धि हासिल हुई है। आज बिहार मछली के उत्पादन के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर है।

कांग्रेस के विजय शंकर दुबे ने कहा कि बजट में आय के स्त्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है। कहा जा रहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में सरप्लस बजट है पर आखिर यह क्यों है यह भी तो बताया जाए? बजट पर हुए सामान्य विमर्श में मो. नेमतुल्लाह, राजकिशोर प्रसाद, महबूब आलम, चंद्रसेन, डॉ रामानुज प्रसाद और सचिंद्र प्रसाद सिंह ने भी भाग लिया।


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