पीएमसीएच में काम पर लौटे डॉक्टर, मरीजों को राहत
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में सोमवार को सामान्य हुई स्थिति
पटना। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में सोमवार को दोपहर बाद डॉक्टरों के काम पर लौटने से मरीजों ने राहत की सांस ली। अस्पताल के जूनियर डॉक्टर रविवार की मध्य रात्रि से हड़ताल पर चले गए थे। डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी।
मालूम है कि रविवार की रात राजधानी के सब्जीबाग के एक युवक की पीएमसीएच में मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया था। हंगामा को आधार बनाकर अस्पताल के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। सुबह में जब अस्पताल का वीडियो देखा गया तो डॉक्टरों से मारपीट का कोई सबूत नहीं मिला। हालांकि जूनियर डॉक्टरों की मांग पर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और चुस्त करने पर सहमति जताई है। अस्पताल में पहले से ही 200 निजी सुरक्षा कर्मी तैनात किए गये हैं। इसके अलावा अस्पताल की सुरक्षा पर पुलिस के 50 जवानों को तैनात किया गया है।
रात से दोपहर तक बेहाल रहे मरीज
अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से रविवार की रात से लेकर सोमवार को दोपहर तक मरीज काफी परेशान रहे। बेटे के इलाज के लिए सुपौल से आए दिव्य नारायण सिंह ने कहा कि पिछले तीन दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन रविवार की रात से कोई डॉक्टर मरीजों को देखने नहीं आया। सभी बताते हैं कि हड़ताल पर हैं। समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्या करूं। उनके बेटे के लिवर में संक्रमण की शिकायत है। रक्सौल से आई रंभा देवी का कहना है कि दम फूल रहा है, लेकिन डॉक्टर इलाज नहीं कर रहे हैं। रौशन कुमार के गले में परेशानी बढ़ती जा रही है। परिजनों का कहना था कि यहां कोई उन्हें देखने वाला नहीं है।