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कहीं महंगा न पड़ जाए अस्पताल जाना, एनएमसीएच पोर्टिको के नीचे से संभल कर ही गुजरें

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का जर्जर पोर्टिको अब खतरनाक हो गया है। इसके नीचे से संभल कर गुज़रे। किसी भी समय ये जानलेवा साबित हो सकता है। इस रास्ते इमरजेंसी और ओपीडी आने जाने वाले मरीज स्वजन डॉक्टर नर्स व कर्मी बुधवार को एक दूसरे को आगाह करते रहे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 03:50 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 03:50 PM (IST)
कहीं महंगा न पड़ जाए अस्पताल जाना, एनएमसीएच पोर्टिको के नीचे से संभल कर ही गुजरें
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का जर्जर पोर्टिको अब खतरनाक हो गया है।

पटना, जेएनएन। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का जर्जर पोर्टिको अब खतरनाक हो गया है। इसके नीचे से संभल कर गुज़रे। किसी भी समय ये जानलेवा साबित हो सकता है। इस रास्ते इमरजेंसी और ओपीडी आने जाने वाले मरीज, स्वजन, डॉक्टर, नर्स व कर्मी बुधवार को एक दूसरे को आगाह करते रहे। सरिया दिख रही है इस छत के नीचे ही दवा लेने के लिए मरीजों की कतार भी लगी रही है।

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आते जाते मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया की कई बार पोर्टिको की छत का हिस्सा टूटकर लोगों पर गिरा है। लोग जख्मी भी हुए हैं। पोर्टिको की यह छत किसी भी समय भीड़ के बीच धराशाई हो सकती है। इस खतरे से अस्पताल प्रशासन को कई बार अवगत कराया जा चुका है। अस्पताल कर्मियों ने बताया कि भवन पुराना हो जाने, पोर्टिको छत के ऊपर जल जमाव होने तथा इसकी नियमित रूप से मरम्मत न होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसे तोड़कर पुनर्निर्माण किया जाना है उचित होगा। 

इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इसकी मरम्मत के लिए भवन निर्माण विभाग को कहा गया है। अस्पताल भवन में कई जगह पर मरम्मत किए जाने की आवश्यकता है। विभाग की सुस्ती के कारण कई समस्याएं सालों से यूं ही बनी हुई हैं।


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