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डीएम भूमि के कस्टोडियन, डीसीएलआर ने की निजी जमाबंदी

कंकड़बाग में आवास बोर्ड की भूमि की निजी जमाबंदी कायम करने के आरोप में निलंबित डीसीएलआर के खिलाफ फ्रेजर रोड में एक और घोटाला उजागर हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 11:28 PM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 11:28 PM (IST)
डीएम भूमि के कस्टोडियन, डीसीएलआर ने की निजी जमाबंदी

पटना । कंकड़बाग में आवास बोर्ड की भूमि की निजी जमाबंदी कायम करने के आरोप में निलंबित सदर पटना के भूमि सुधार उप-समाहर्ता कुमार मिथिलेश सिंह के खिलाफ फ्रेजर रोड में भी एक कीमती जमीन घोटाले का मामला उजागर हुआ है। हाईकोर्ट फ्रेजर रोड स्थित इमाम पैलेस की जमीन का कस्टोडियन जिलाधिकारी को बना चुका है, जिसकी निजी जमाबंदी निलंबित डीसीएलआर ने कायम की थी। उच्च न्यायालय ने इस मामले में पटना के जिलाधिकारी से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी। गुरुवार को अदालत में जवाब दाखिल करने के पहले निलंबित डीसीएलआर पर प्रपत्र क गठित कर दिया। इमाम पैलेस की भूमि की निजी जमाबंदी मामले की जांच के लिए एडीएम राजस्व की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया गया है।

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इमाम पैलेस की जमीन पर विवाद को देखते हुए हाईकोर्ट ने 2002 में पटना के डीएम को कस्टोडियन बनाया था। हाईकोर्ट का आदेश है कि जब तक इस भूमि के टाइटिल का निर्धारण सिविल कोर्ट से नहीं हो जाता डीएम इसके मालिक रहेंगे। पटना सदर के निलंबित डीसीएलआर और तत्कालीन अंचलाधिकारी ने वर्ष 2016 में निजी लगान काटने का आदेश पारित कर दिया। यह मामला पटना उच्च न्यायालय में बीते 20 अप्रैल को संज्ञान में आया और जिलाधिकारी को कार्रवाई से अवगत कराने को कहा गया है।

निलंबित डीसीएलआर कुमार मिथिलेश सिंह के खिलाफ जमीन हेराफेरी का नया मामला सामने आने के बाद शासन की परेशानी बढ़ गई है। जिस भूमि का मालिक जिलाधिकारी को बनाया गया है उसकी निजी जमाबंदी के मामले में फिर नई प्राथमिकी दर्ज करने की नौबत आ गई है। अब कुमार मिथिलेश के कार्यकाल में सरकारी भूमि की हेराफेरी के दो मामले सदर अंचल के सामने आ चुके हैं। फुलवारीशरीफ और संपतचक अंचल में भी तो इस तरह सरकारी जमीन की निजी जमाबंदी तो नहीं कायम की गई, इसकी जांच होगी। तत्काल एडीएम राजस्व के नेतृत्व में जमीन हेराफेरी की जांच में जिला भूअर्जन पदाधिकारी को शामिल किया गया है। डीसीएलआर और अंचल पदाधिकारी को जांच के लिए सभी संचिकाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है।

इमाम पैलेस की महंगी जमीन पर दावेदारों की लड़ाई के बीच 1996 में इस भूमि की अर्बन सीलिंग के तहत मापी की गई थी। तत्कालीन जिलाधिकारी ने मापी में 10 हजार वर्गमीटर खतियान से अधिक भूमि होने की रिपोर्ट दी थी।

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