प्रवासी मजदूरों के किराये को लेकर दिल्ली और बिहार सरकार में ठनी, प्रशांत किशोर ने कसा तंज
लॉकडाउन में फंसे बिहार के प्रवासी मजदूरों को बिहार वापस लाने के लिए लगे रेल टिकट के किराए को लेकर बिहार सरकार और दिल्ली सरकार में ठन गई है। इसपर प्रशात किशोर ने तंज कसा है।
पटना, जेएनएन। प्रवासी मजदूरों के रेलभाड़े को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार और बिहार की नीतीश सरकार इस वक्त आमने-सामने है। मजदूरों के बिहार वापस लौटने के रेल किराए को लेकर दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट किया जिसके बाद किराए को लेकर विवाद शुरू हो गया है। गोपाल राय ने अपने ट्वीट में लिखा है कि श्रमिकों को लेकर दिल्ली से मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार के लिए रवाना हुई ट्रेन। ट्रेन में सवार सभी 1200 लोगों का किराया देगी दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार।
उनके इस ट्वीट पर जेडीयू के दिल्ली प्रभारी महासचिव और बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री संजय झा ने ट्वीट कर कहा, अरविंद केजरीवाल जी, झूठ के साथ समस्या यही है कि आप भूल जाते हैं कि कब क्या बोल चुके हैं ? अब देखिए न आपके मंत्री ट्विटर पर सफेद झूठ बोल रहे हैं कि दिल्ली से मुजफ्फरपुर आनेवाली ट्रेन का किराया आपकी सरकार देगी, फिर चिट्ठी भेजकर हमसे पैसे भी मांगते हैं।
संजय झा ने उस लेटर को भी ट्वीट किया है जिसमें दिल्ली सरकार की तरफ से बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को पत्र लिखा गया है और रेल किराए की बात कही गई है।
दरअसल, दिल्ली सरकार के नोडल अफसर ने बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को एक पत्र लिखा है जिसमें इस बात का जिक्र है कि दिल्ली से मुज़फ्फरपुर चलने वाली श्रमिक एक्सप्रेस का किराया दिल्ली सरकार देगी और बिहार सरकार टिकट रिम्बर्समेंट का पैसा दिल्ली सरकार को देगी।
इसपर आप नेता संजय सिंह ने चेक और लेटर ट्वीट करते हुए कहा कि-रेलवे कह रही पहले पैसा दो तब ट्रेन चलेगी बिहार सरकार कह रही है पहले मज़दूरों से ले लो हम बाद में दे देंगे दिल्ली सरकार ने कहा “हम मज़दूरों को पैसा नही देने देंगे इसलिये पहले ही रेलवे को चेक से भुगतान कर दिया” किसको बेवक़ूफ़ बना रहे हैं नीतीश जी और भाजपाई?
इस विवाद पर प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर सीएम नीतीश पर बड़ा हमला बोला है। प्रशांत किशोर ने लिखा है कि रेलवे 85% सब्सिडी दे रहा है। केंद्र पैसे ले नहीं रहा और राज्य तो किराए के साथ कई और सुविधाएं देने का दावा कर रहे हैं। अब तो विपक्ष ने भी सबका किराया देने की बात कही हैं। अगर सबलोग इतना कुछ कर रहे हैं तो मज़दूर इतने बेबस क्यों हैं और उनसे ये पैसे ले कौन रहा है?