बिहार से यमराज को डायरेक्ट लेटर: जानिए भागलपुर के लोगों ने क्यों लिखा- परिवार परेशान होगा, मत आइए
बिहार के भागलपुर के लोगों ने सीधे यमराज को पत्र लिख कर शहर में नहीं आने का आग्रह किया है। वहां के बरारी शमशान घाट में मुर्दों से लूट का जिक्र करते हुए उन्होंने यमराज से कहा है कि उनके आने से परिवार परेशान होगा।
पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्क। ''यमराज महोदय, कृपा कर अभी इस शहर में मत आइए। यहां के लोगों को फिलहाल मौत से मुक्त रखिए। हमलोग मरना नहीं चाहते, क्योंकि हमारे पास 25 हजार रुपये नहीं हैं।'' बिहार के भागलपुर शहर के लोगों की इस पुकार के पीछे कोरोनावायरस का संक्रमण (CoronaVirus Infection) नहीं है। मामला जान कर आप हैरान हो जाएंगे। यह शहर के बरारी शमशान घाट (Barari cemetery Bhagalpur) पर शवों के साथ मची लूट का है। इसे लेकर भागलपुर के कुछ लोगों ने सीधे यमराज (Yamraj) से ही कनेक्शन बैठाकर उन्हें परिस्थिति से अवगत कराया है। साथ ही इस पत्र की कॉपी धरती पर भागलपुर के जिलाधिकारी (DM), अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) तथा नगर आयुक्त (City Commissioner) को भेजी है।
रुपये नहीं हैं, इसलिए मरने से दें मुक्ति
पत्र में जो भी लिखा है, उसका भाव यह है कि भागलपुर के लोग मर कर अपने परिवार को परेशानी में डालना नहीं चाहते हैं, क्योंकि बरारी शमशान घाट पर अनिवार्य रूप से 25 हजार खर्च करने पर ही शव को जलाने की अनुमति दी जाती है। वैसे घाट पर शव जलाने के दौरान विभिन्न मदों में कुल 30920 रुपये खर्च हो जाते हैं। दाह संस्कार के नाम पर मची लूट की चर्चा करते हुए पत्र में यमराज से आग्रह किया गया है कि लोगों के पास इतने रुपये नहीं हैं, इसलिए वे फिलहाल शहर के लोगों को मरने से मुक्त रखें।
शमशान घाट पर शव जलाने में मनमानी
यह मामला भागलपुर के बरारी श्मशान घाट पर शव जलाने के दौरान मनमानी का है। वहां मृतकों के परिवारों से मनमानी वसूली की जाती है और इसे नहीं देने पर दुर्व्यवहार किया जाता है। मृतक के परिवार की आर्थिक हैसियत को आंक कर हर जगह मनमानी वसूली की जाती है। यहां तक कि डोम राजा मुखाग्नि देने में भी जमकर मोलभाव करते हैं। इससे परेशान लोगों की गुहार जब धरती के अधिकारियों ने नहीं सुनी तो उन्होंने फिलहाल यमराज से ही मौतों पर रोक लगाने की मांग कर डाली है।
शमशान घाट पर ली जाने वाली रकम
यमराज को पत्र लिखने वाले कमल जायसवाल, आनंद कुमार सिन्हा, विनय कुमार सिन्हा, अभय कुमार घोष, जयप्रकाश जायसवाल, कन्हैया लाल एवं राजीव कुमार आर्य ने बरारी शमशान घाट पर ली जाने वाली रकम का पूरा ब्योरा दिया है। हालांकि, इसके अलावा और भी खर्चे हो जाते हैं। पत्र में दिए गए खर्चे पर आइए डालते हैं नजर...
- लकड़ी (तीन क्विंटल) : कुल 2700 रुपये
- झौवा (दो पीस) : कुल 200 रुपये
- टायर (दो पीस) : कुल 20 रुपये
- शुद्ध घी (दो किलो) : कुल 1000 रुपये
- धुमना, चंदन की लकड़ी, फूल, बांस, कपूर : कुल 7000 रुपये
- मुखाग्नि एवं पंचकाठी (डोम राजा द्वारा) : कुल 3000 रुपये
- घाट पर 50 लोगों का भोजन : कुल 10000 रुपये
- घाट पर चाय-पानी : कु5 2000 रुपये
(कुल खर्च: 30,920 रुपये)
लोग ले रहे मजा, यह भी कहा- सही बात उठाई
यमराज को लिखे पत्र का लोग खूब मजा ले रहे हैं, लेकिन इसमें उठाई गई बातों से इत्तफाक भी रखते हैं। स्थानीय व्यवसायी सुरेश सिंह कहते हैं कि शमशान घाट पर सुविधाओं पर किसी का ध्यान नहीं है। न तो जलती चिता को हवा से रोकने का इंतजाम है, न ही यहां लाइट, पेयजल आदि की व्यवस्था है। विद्युत शवदाह गृह का संचालन भी अप्रशिक्षित लोगों के हवाले है। नाम नहीं देने के आग्रह के साथ एक शवदाह गृह कर्मी ने ही राज खोला कि यहां 16 अगस्त 2020 से कार्यरत आठ कर्मियों को नगर निगम पारिश्रमिक नहीं दे रहा है।