बिहार उपचुनाव: जहानाबाद में RJD-JDU के बीच सीधा मुकाबला, NDA की प्रतिष्ठा दांव पर
बिहार विधानसभा उपचुनाव की जहानाबाद सीट पर राजग के जदयू प्रत्याशी का महागठबंधन के राजद प्रत्याशी से सीधा मुकाबला है। इसे देखते हुए यहां राजग की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 19 Feb 2018 09:03 AM (IST)Updated: Mon, 19 Feb 2018 10:57 PM (IST)
पटना [एसए शाद]। बिहार में लोकसभा की एक और विधानसभा की दो सीटों पर 11 मार्च को चुनाव होने हैं, परन्तु इनमें से जहानाबाद विधानसभा सीट को लेकर सबसे अधिक सरगर्मी है। इस सीट पर महागठबंधन के राजद उम्मीदवार से सीधा मुकाबला के कारण राजग (एनडीए) की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।
खींचतान के बाद जदयू के खाते में गई सीट
जहानाबाद में प्रत्याशी खड़ा करने को लेकर पहले तो राजग के दो घटक दल-रालोसपा और हम, में खींचतान हुई जिसे देख जदयू ने खुद को पीछे कर लिया। यह तर्क देते हुए कि ये तीनों सीटें सिटिंग सांसद एवं विधायक के निधन के कारण खाली हुई हैं, जदयू ने किसी भी सीट पर प्रत्याशी नहीं देने की घोषणा कर दी थी। इन तीनों में से कोई भी जदयू की सिटिंग सीट नहीं थी। परन्तु, अब पूर्व का अपना फैसला वापस लेते हुए पार्टी ने प्रत्याशी देने का एलान किया है।
राजग में जदयू इस समय सबसे बड़ा दल है और जहानाबाद में जदयू प्रत्याशी की मौजूदगी ने इस सीट को राजग की प्रतिष्ठा से जोड़ दिया है। यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न इस कारण भी बनी है कि भाजपा के आग्रह पर जदयू ने जहानाबाद सीट पर उम्मीदवार दिया है।
राजद से होगा सीधा मुकाबला
दो छोटे घटक दलों की दावेदारी पर आगे की कार्रवाई की बजाय सबसे बड़े दल को आमंत्रण देना खुद स्पष्ट करता है कि राजग के अंदर बहुत सोच विचार के बाद ही जहानाबाद सीट को लेकर यह फैसला किया गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू और राजद साथ थे, लेकिन इस उपचुनाव में जदयू प्रत्याशी अभिराम शर्मा का सीधा मुकाबला राजद के कुमार कृष्ण उर्फ सुदय यादव से होगा। सुदय यादव, मुंद्रिका सिंह यादव के पुत्र हैं जिनके निधन के कारण यह सीट खाली हुई है। वैसे भाकपा (माले) ने भी कुंती देवी के रूप में अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है।
अररिया या भभुआ पर जिच नहीं
राजग में जहानाबाद सीट के अलावा अररिया या भभुआ को लेकर कोई जिच नहीं दिखी। दोनों सीटों पर भाजपा अपने प्रत्याशी देगी। भभुआ सीट को लेकर भले ही राजद और कांग्रेस में तकरार थी, जिसे दोनों दलों ने बिना समय नष्ट किए सुलझा लिया। राजद के हिस्से में अररिया लोकसभा और जहानाबाद विधानसभा सीट आई जबकि कांग्रेस भभुआ में उम्मीदवार देगी।
खींचतान के बाद जदयू के खाते में गई सीट
जहानाबाद में प्रत्याशी खड़ा करने को लेकर पहले तो राजग के दो घटक दल-रालोसपा और हम, में खींचतान हुई जिसे देख जदयू ने खुद को पीछे कर लिया। यह तर्क देते हुए कि ये तीनों सीटें सिटिंग सांसद एवं विधायक के निधन के कारण खाली हुई हैं, जदयू ने किसी भी सीट पर प्रत्याशी नहीं देने की घोषणा कर दी थी। इन तीनों में से कोई भी जदयू की सिटिंग सीट नहीं थी। परन्तु, अब पूर्व का अपना फैसला वापस लेते हुए पार्टी ने प्रत्याशी देने का एलान किया है।
राजग में जदयू इस समय सबसे बड़ा दल है और जहानाबाद में जदयू प्रत्याशी की मौजूदगी ने इस सीट को राजग की प्रतिष्ठा से जोड़ दिया है। यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न इस कारण भी बनी है कि भाजपा के आग्रह पर जदयू ने जहानाबाद सीट पर उम्मीदवार दिया है।
राजद से होगा सीधा मुकाबला
दो छोटे घटक दलों की दावेदारी पर आगे की कार्रवाई की बजाय सबसे बड़े दल को आमंत्रण देना खुद स्पष्ट करता है कि राजग के अंदर बहुत सोच विचार के बाद ही जहानाबाद सीट को लेकर यह फैसला किया गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू और राजद साथ थे, लेकिन इस उपचुनाव में जदयू प्रत्याशी अभिराम शर्मा का सीधा मुकाबला राजद के कुमार कृष्ण उर्फ सुदय यादव से होगा। सुदय यादव, मुंद्रिका सिंह यादव के पुत्र हैं जिनके निधन के कारण यह सीट खाली हुई है। वैसे भाकपा (माले) ने भी कुंती देवी के रूप में अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है।
अररिया या भभुआ पर जिच नहीं
राजग में जहानाबाद सीट के अलावा अररिया या भभुआ को लेकर कोई जिच नहीं दिखी। दोनों सीटों पर भाजपा अपने प्रत्याशी देगी। भभुआ सीट को लेकर भले ही राजद और कांग्रेस में तकरार थी, जिसे दोनों दलों ने बिना समय नष्ट किए सुलझा लिया। राजद के हिस्से में अररिया लोकसभा और जहानाबाद विधानसभा सीट आई जबकि कांग्रेस भभुआ में उम्मीदवार देगी।
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