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FB लाइव में बोले DGP, होली के दिन हर दो घंटे में IG तक को लगानी होगी हाजिरी

पटना में होली पर कोई घटना न हो इसके लिए डीजीपी रविवार को फेसबुक पर लाइव हुए। इस दौरान उन्होंने पुलिस को त्योहार के दौरान चाक-चौबंद रहने के निर्देश दिए।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 01:58 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 01:58 PM (IST)
FB लाइव में बोले DGP, होली के दिन हर दो घंटे में IG तक को लगानी होगी हाजिरी
FB लाइव में बोले DGP, होली के दिन हर दो घंटे में IG तक को लगानी होगी हाजिरी

पटना, जेएनएन। बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय पुलिस व्यवस्था को चुस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। औचक निरीक्षण से लेकर जवानों को लगातार दिशा-निर्देश दे रहे हैं। इस बार होली के त्योहार पर कोई घटना न है इसपर उनकी विशेष नजर है। रविवार को डीजीपी फेसबुक पर लाइव हुए। इस दौरान उन्होंने पुलिस को त्योहार के दौरान मुस्तैद रहने का निर्देश दिया।

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चंद मिनट के अपने मैसेज में उन्होंने शहर की सुरक्षा पर विशेष बल दिया। डीजीपी ने कहा कि हम होली के बाद त्योहार मनाएंगे। रंगों के त्योहार में सिपाही से लेकर आइजी तक वर्दी में रहेंगे। जवान पूरे शहर की सुरक्षा पर नजर रखेंगे। गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि हर दो घंटे में पुलिसकर्मियों को हाजिरी लगानी होगी। 

जनता की मदद से ही मिट सकता है अपराधः डीजीपी

जनता और पुलिस के बीच गहरी खाई को कम किया जाए। पब्लिक के सहयोग के बिना पुलिसिंग सिर्फ नाम की रह जाती है। पुलिस अपराध को रोकथाम कर सकती है, लेकिन अगर उसे जनता का साथ मिले तो कुछ ऐसे अपराध हैं, जो जड़ से खत्म हो जाएंगे। यही कारण है कि सामुदायिक पुलिसिंग को बिहार में बढ़ावा देने के लिए का काम युद्धस्तर पर जारी है। ये बातें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज में ‘बिहार में सामुदायिक पुलिसिंग : चुनौतियां और संभावनाएं’ विषयक आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में कहीं।

डीजीपी ने कहा, थाना स्तर पर निर्देश गया है कि उनके पास आने वाले लोगों को बैठाकर पानी पिलाएं। उनसे सभ्य व्यवहार करें। पूरी बातें सुनें, फिर विधि-सम्मत कार्रवाई करें। थाने में आने वालों को अपशब्द कहना और अशिष्ट व्यवहार करना कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि वे शांति समिति से युवाओं को जोड़ें। निचले तबके के लोगों को किसी भी सूरत में परेशान नहीं किया जाए। इलाका के अनुसार टोली बनाएं, जिसमें सभी उम्र के लोगों को शामिल करें और उनसे समाज की गंदगी यानी अपराध को समाप्त करने में सहयोग मांगे।


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