बिहार के इस चौकीदार को DGP ने कहा-सलाम 'सिंघम' कारनामा जान आप भी करेंगे सैल्यूट
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने भागलपुर जिले के एक चौकीदार को सलाम किया है उनका नाम सिंघम है। इन्होंने एेसा काम ही किया है कि आप भी जानकर उन्हें सैल्यूट करेंगे।
पटना, जेएनएन। बिहार में जहां एक चौकीदार को कृषि पदाधिकारी ने अपमानित किया था, तो वहीं एक चौकीदार ने एेसा काम किया है कि डीजीपी ने खुद उन्हें फोन कर उन्हें सलाम किया है औऱ कहा है कि अापके काम पर गर्व है। ये चौकीदार हैं भागलपुर जिले के सचिन उर्फ सिंघम पासवान, जो खुद तो कम पढ़े लिखे हैं लेकिन आज अपनी ड्यूटी करने के साथ-साथ स्लम के बच्चों को पढ़ाते हैं और उनमें अपना भविष्य तलाशते हैं।
सिंघम की बातों से उनकी कसक साफ झलकती है वो कहते हैं कि मैं खुद ज्यादा नहीं पढ़ सका, ये बात मुझे आज भी सताती है। लेकिन मैं नहीं पढ़ सका तो क्या अब ये छोटे-छोटे बच्चे पढ़ लिख जाएंगे तो इससे बड़ी खुशी की बात मेरे लिए नहीं होगी। मैं इन बच्चों के लिए एक छोटी कोशिश कर रहा हूं।
चौकीदार सचिन ने अपनी आपबीती सुनाई कि मैं जब स्नातक प्रतिष्ठा की पढ़ाई कर रहा था तो उसी साल 2007 में पिता के स्वर्गवास के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी, परिवार की जिम्मेदारी आ पड़ी। चूंकि मेरे पिता चौकीदार थे, तो उनकी जगह ये चौकीदारी की नौकरी तो मिली। लेकिन मन में जो पढ़ने-पढ़ाने की कसक थी, वो अब इन बच्चों के जरिए पूरा कर रहा हूं।
सचिन उर्फ सिंघम पासवान भागलपुर जिले के नाथनगर थाने में चौकीदार के पद पर पदस्थापित हैं। सिंघम इन दिनों अपनी ड्यूटी के अलावे बच्चों को अपने चलंत विद्यालय में ककहारा भी सिखा रहे हैं। सिंघम बताते हैं कि अभी उनकी ड्यूटी रेलवे स्टेशन के आसपास लगी है।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान यहां के कई छोटे बच्चों को सड़कों पर दिनभर खेलते और घूमते देखा तो ये बात दिमाग में आयी कि क्यों ना इन बच्चों के पढ़ाऊं। जब इन बच्चों से उनसे पढ़ाई को लेकर बात की तब पता चला कि इन बच्चों में पढ़ने की ललक तो है, लेकिन गरीबी का कारण ये बच्चे स्कूल नहीं जाते।वे कहते हैं कि ये बच्चे अब पढ़ाई के महत्व को समझेंगे तो खुद स्कूल जाने लगेंगे।
इसके बाद सचिन उर्फ सिंघम ने इस इलाके में एक 'चलता पाठशाला' खोल दिया है और वो ड्यूटी खत्म करने के बाद प्रतिदिन ऐसे बच्चों को बुलाकर लाते हैं और पढ़ाते हैं। अफने पास के पैसे से बच्चों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराते हैं। बच्चे इनकी चलता पाठशाला में मन लगाकर पढ़ते हैं।
अब उनकी ये मुहिम काम लायी है और अाज लगभग एक दर्जन से अधिक बच्चे रोजाना समय पर उनके पास पढ़ने पहुंच जाते हैं। इसकी जानकारी जब बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय को मिली तो उन्होंने रविवार को सचिन से बात की। सचिन डीजीपी की फोन आने के बाद पहले तो आश्चर्यचकित थे, लेकिन फिर उन्होंने बात की।
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने चौकीदार से वादा किया है कि वे खुद उन बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाएंगे और भागलपुर आने पर वह उन बच्चों से मुलाकात भी करेंगे। डीजीपी ने चौकीदार से कहा कि अपराधी और शराब माफियाओं से वह किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखें।