डीजीपी बोले- अपराधियों से एक कदम आगे सोचे पुलिस, बदल गई है अपराध की प्रकृति
22 से 27 फरवरी तक राज्य में पुलिस सप्ताह मनाया जाएगा। गुरुवार को सचिवालय परिसर स्थित अधिवेशन भवन में पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर ने इसका उद्घाटन किया।
By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 22 Feb 2018 12:23 PM (IST)Updated: Fri, 23 Feb 2018 06:47 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि बिहार में अपराध की प्रकृति बदली है। ऐसे में जरूरी है कि पुलिस अपराधियों की तकनीक से एक कदम आगे रहे। डीजीपी पीके ठाकुर गुरुवार को अधिवेशन भवन में 22 से 27 फरवरी तक आयोजित 'बिहार पुलिस सप्ताह' का उद्घाटन कर रहे थे।
डीजीपी ने कहा कि बिहार पुलिस को अत्याधुनिक बनाना हमारा उद्देश्य है। खासकर घोटालों की जांच में हमें रिकवरी पर ध्यान देना होगा। डीजीपी ने पुलिस को अपनी छवि दुरुस्त करने की भी नसीहत दी। कहा, हमें आमलोगों का ख्याल करके ही पुलिसिंग करनी होगी। इससे हमारी छवि भी निखरेगी और आमलोगों से हमारा संबंध भी दोस्ताना होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार पुलिस की सभी विंग मजबूत हुई है। नई नियुक्तियां हो रही हैं। बिहार पुलिस का इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ा है। लेकिन अभी भी यह पर्याप्त नहीं है। डीजीपी ने राज्य में महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले अपराध पर चिंता व्यक्त की। कहा, ऐसे मामलों में हमें संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करनी चाहिए। खासकर जुवेनाइल जस्टिस से संबंधित मामलों में। क्योंकि यदि एक भी कमउम्र का अपराधी जेल जाता है तो वहां वह और भी बड़ा अपराधी बन जाता है। पीके ठाकुर ने राज्य में उग्रवाद व आतंकवाद के बढ़ते खतरे की भी चर्चा की।
एडीजी (मुख्यालय) एसके सिंघल ने सभी अथितियों का स्वागत करते हुए कहा कि पुलिस सप्ताह के दौरान ईओयू द्वारा पीएनबी घोटाले को लेकर एक पावर प्रजेंटेशन दिया जाएगा। साथ ही वीआइपी सुरक्षा, हाइप्रोफाइल आपराधिक मामलों की जांच, टै्रफिक मैनेजमेंट और आंतरिक सुरक्षा पर अलग-अलग सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस मौके पर डीजी (ट्रेनिंग) केएस द्विवेदी, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी सह प्रबंध निदेशक सुनील कुमार, एडीजी (विधि-व्यवस्था) आलोक राज, एडीजी सीआइडी विनय कुमार समेत राज्य के लगभग सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
डीजीपी ने कहा कि बिहार पुलिस को अत्याधुनिक बनाना हमारा उद्देश्य है। खासकर घोटालों की जांच में हमें रिकवरी पर ध्यान देना होगा। डीजीपी ने पुलिस को अपनी छवि दुरुस्त करने की भी नसीहत दी। कहा, हमें आमलोगों का ख्याल करके ही पुलिसिंग करनी होगी। इससे हमारी छवि भी निखरेगी और आमलोगों से हमारा संबंध भी दोस्ताना होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार पुलिस की सभी विंग मजबूत हुई है। नई नियुक्तियां हो रही हैं। बिहार पुलिस का इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ा है। लेकिन अभी भी यह पर्याप्त नहीं है। डीजीपी ने राज्य में महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले अपराध पर चिंता व्यक्त की। कहा, ऐसे मामलों में हमें संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करनी चाहिए। खासकर जुवेनाइल जस्टिस से संबंधित मामलों में। क्योंकि यदि एक भी कमउम्र का अपराधी जेल जाता है तो वहां वह और भी बड़ा अपराधी बन जाता है। पीके ठाकुर ने राज्य में उग्रवाद व आतंकवाद के बढ़ते खतरे की भी चर्चा की।
एडीजी (मुख्यालय) एसके सिंघल ने सभी अथितियों का स्वागत करते हुए कहा कि पुलिस सप्ताह के दौरान ईओयू द्वारा पीएनबी घोटाले को लेकर एक पावर प्रजेंटेशन दिया जाएगा। साथ ही वीआइपी सुरक्षा, हाइप्रोफाइल आपराधिक मामलों की जांच, टै्रफिक मैनेजमेंट और आंतरिक सुरक्षा पर अलग-अलग सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस मौके पर डीजी (ट्रेनिंग) केएस द्विवेदी, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी सह प्रबंध निदेशक सुनील कुमार, एडीजी (विधि-व्यवस्था) आलोक राज, एडीजी सीआइडी विनय कुमार समेत राज्य के लगभग सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
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